योगी सरकार के साथ कदमताल करते हुए अब लखनऊ शहर के युवाओं ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की जिम्मेदारी उठा ली है। इन युवाओं में पेशे से कोई एमबीए एचआर है, तो एमबीए ट्रेनर है। लॉकडाउन के दौरान जब पूरा शहर कोरोना से जूझ रहा था तो इन युवाओं ने आगे आते हुए नगर निगम के साथ खुद शहर को सेनीटाइज करने की जिम्मेदारी उठाई। यह युवा अब तक शहर के तीन हजार से अधिक मकानों को सेनीटाइज कर चुके हैं।
लखनऊ। योगी सरकार के साथ कदमताल करते हुए अब लखनऊ शहर के युवाओं ने कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने की जिम्मेदारी उठा ली है। इन युवाओं में पेशे से कोई एमबीए एचआर है, तो एमबीए ट्रेनर है। लॉकडाउन के दौरान जब पूरा शहर कोरोना से जूझ रहा था तो इन युवाओं ने आगे आते हुए नगर निगम के साथ खुद शहर को सेनीटाइज करने की जिम्मेदारी उठाई। यह युवा अब तक शहर के तीन हजार से अधिक मकानों को सेनीटाइज कर चुके हैं।
गोमतीनगर निवासी एमबीए एचआर नूर आलम सिद्दीकी कहते हैं कि कोरोना से लड़ाई सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है। हम सभी को कोरोना से लड़ाई जीतने के लिए आगे आना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पूरे प्रदेश में सेनीटाइजेशन अभियान चला रहे हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों में। सरकार के प्रयासों को देखते हुए हमारे दोस्तों ने इस लड़ाई में आगे आने का निर्णय लिया। इसके लिए हम लोगों ने शहर में सेनीटाइजेशन अभियान चलाने का निर्णय लिया। ग्रुप में शामिल करीब आधा दर्जन युवा अब तक तीन हजार से अधिक मकानों को सेनीटाइज कर चुके हैं।
यहां चला है अभियान
एमबीए एचआर व एनएस साल्यूशन में शिक्षक नूर सिद्दीकी बताते हैं कि सेनीटाइजेशन कार्य में वह केमिकल वाइरेक्स 256 का इस्तेमाल कर रहे हैं। गोमतीनगर उजरियांव से उन्होंने सेनीटाइजेशन काम को शुरू किया । यहां पर उनकी टीम इसमें शहनवाज, शहजाद, शादाब व आरिज ने करीब 1500 से अधिक मकानों को सेनीटाइज किया। इसके बाद उन्होंने कैसरबाग, भीमनगर में 1200 से अधिक मकानों व अपार्टमेंट का सेनीटाइज करने काम किया है। नूर का कहना है कि हम सभी को कोरोना से लड़ाई में सरकार का सहयोग करना चाहिए।