डिप्टी सीएम ने कहा कि उद्धव ठाकरे को नैतिकता की बात करना शोभा नहीं देती है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ सीएम पद के लिए गए तो क्या वह अपनी नैतिकता भूल गए थे? उन्होंने कहा कि ठाकरे ने नैतिक के आधार पर इस्तीफा नहीं दिया था, बल्कि डर के कारण जो लोग उनके साथ थे, उन्हें छोड़ दिया।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर सियासी हलचल बढ़ गयी है। सुप्रीम कोर्ट से शिंदे सरकार को बड़ी राहत मिली है। इसके बाद उद्धव ठाकरे की तरफ से एकनाथ शिंदे पर बड़ा निशाना साधा गया है। उन्होंने कहा कि, जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया उन्होंने गद्दारी की। गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मैंने इस्तीफा दे दिया। इस पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया है।
डिप्टी सीएम ने कहा कि उद्धव ठाकरे को नैतिकता की बात करना शोभा नहीं देती है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जब वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ सीएम पद के लिए गए तो क्या वह अपनी नैतिकता भूल गए थे? उन्होंने कहा कि ठाकरे ने नैतिक के आधार पर इस्तीफा नहीं दिया था, बल्कि डर के कारण जो लोग उनके साथ थे, उन्हें छोड़ दिया।
वहीं, इस दौरान सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि, उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट या ECI से ऊपर हैं कि वह हमें अपना कोई अन्य पदाधिकारी नियुक्त नहीं करने देंगे और हमें शिवसेना नाम का उपयोग नहीं करने देंगे। उन्होंने आगे कहा कि नैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना की सरकार बन जाती लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया
गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता: उद्धव
उद्धव-शिंदे गुट के बीच विवाद मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसलाा सुनाया है। फैसले को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर इस मुख्यमंत्री (शिंदे) और उपमुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) में जरा भी नैतिकता होगी तो इस्तीफा देना चाहिए जैसे मैंने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया उन्होंने ही गद्दारी की। गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद फिर से मुख्यमंत्री बन जाता। लेकिन मैं अपने लिए नहीं लड़ रहा हूं। हमारी लड़ाई संविधान बचाने की है। हम सभी मिलकर उन लोगों के खिलाफ लड़ रहे हैं, जो देश को गुलाम बनाना चाहते हैं।