पैरासिटामॉल अधिकतर घरों में सबसे अधिक यूज होने वाली दवाओं में से एक है। बुखार या पेन किलर की तरह इस्तेमाल की जाती है। ऐसे में बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई मामूली बुखार या दर्द में इसे खाता है। पर क्या आप जानते है पैरासिटामाल का जरुरत से ज्यादा खाना सेहत के लिए नुकसान दायक हो सकता है।
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इसका सीधा असर लीवर पर पड़ता है। एक शोध के अनुसार पैरासिटामाल का असर लीवर की कोशिकाओं पर होता है। 2006 में प्रकाशित स्टडी के अनुसार यूके में पैरासिटामाल की ओवरडोज पेनकिलर एसिटामिलोफिन के साथ लीवर फेलियर का सबसे कॉमन कारण है। यही नहीं अमेरिका में एक्यूट लीवर फेल होने की वजह पैरासिटामाल है।
एक वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार पैरासिटामाल सबसे अधिक इस्तेमाल होने वाली दवा है। इसे दर्द से लेकर फीवर में अधिकतर लोग खाते है। लेकिन अगर यही पैरासिटामाल की ओवर डोज से लंबे समय तक अधिक इस्तेमाल करने से लीवर के लिए हानिकारक हो सकती है। इसकी वजह से लीवर डैमेज होना और लीवर फेल होने जैसी दिक्कतें तब होती है जब लीवर में टॉक्सिटी बनी रहती है।
वहीं डॉक्टरों का कहना है कि जब पैरासिटामॉल की बताई गई मात्रा से अधिक खाया जाए वो भी बिना डॉक्टर की सलाह से या फिर एल्कोहल के साथ ली जाए, लीवर की खास तरह की कंडीशन में ली जाए या किसी किसी खास तरह की दवाओं के साथ ली जाए।
जिसके साथ लेना मना हो, तब लीवर डैमेज होने का खतरा अधिक हो जाता है। पैरासिटामाल के कारण लीवर को नुकसान नहीं होता बल्कि ये पैरासिटामाल के विघटन से होने वाले एनएपीक्यूआई की वजह से होता है। एनएपीक्यूआई लीवर के ग्लूटाइथिओन को कम कर देता है और सीधे लीवर की कोशिकाओं को डैमेज करता है।
डॉक्टरों का कहना है कि एक दिन यानि 24 घंटे में आठ से अधिक टैबलेट नहीं खाना चाहिए।