नेपाल एक बार फिर सत्ता परिवर्तन की राह पर है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केपी शर्मा ओली को पद मुक्त कर शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का राष्ट्रपति को आदेश दिया है।
काठमांडू: नेपाल एक बार फिर सत्ता परिवर्तन की राह पर है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने केपी शर्मा ओली को पद मुक्त कर शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का राष्ट्रपति को आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने संसद विघटन के राष्ट्रपति के फैसले को लगातार दूसरी बार रद्द कर दिया है। केपी शर्मा ओली इस वक्त नेपाल में अल्पमत की सरकार चला रहे हैं, क्योंकि 275 सदस्यों वाली नेपाली संसद में वो विश्वास मत खो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने नेपाल संसद का सत्र बुलाकर शेर बहादुर देउबा को 20 जुलाई तक बहुमत साबित करने को कहा है।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति भंडारी ने पांच महीने में दूसरी बार 22 मई को संसद के निचले सदन को भंग कर दिया था। राष्ट्रपति ने 12 और 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 30 याचिकाएं दाखिल की गई। जिनपर आज फैसला आया है।
नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने तमाम याचिकाओं के संदर्भ में संसद की पुनर्स्थापना का फैसला किया है और शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त करने का आदेश दिया है। नेपाल में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की तरफ से भी नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें मांग की गई थी की नेपाली संसद की पुनर्स्थापना की जाए. साथ ही विपक्ष के नेता शेर बहादुर देउबा को प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाए।
शेर बहादुर देउवा नेपाल के वरिष्ठ विपक्षी नेता हैं। उन्होंने नेपाल के 40वें प्रधानमंत्री के रूप में 2017 में शपथ ली थी।