हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड के मामले में जिला न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की कोर्ट में शुरू की गई थी। इस मामले में तीन लोग आरोपी साबित किये गए है। इस मामले में शामिल तीन लोग क्रमश: तौसीफ रेहान और अजरुद्दीन थे। जिनमें से तौसीफ और रेहान को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया है।
चंडिगढ़। हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बहुचर्चित निकिता तोमर हत्याकांड के मामले में जिला न्यायालय के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आज फैसला सुनाया है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर इस केस की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सरताज बासवाना की कोर्ट में शुरू की गई थी। इस मामले में तीन लोग आरोपी साबित किये गए है। इस मामले में शामिल तीन लोग क्रमश: तौसीफ रेहान और अजरुद्दीन थे।
जिनमें से तौसीफ और रेहान को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने दोषी करार दिया है। सजा 26 मार्च को सुनाई जाएगी। वहीं,अजरुद्दीन को बरी कर दिया गया है। इस मामले में तौसीफ को मुख्य आरोपी बनाया गया था, जबकि रेहान वारदात के वक्त उसके साथ मौजूद था। अजरुद्दीन पर हथियार देने का आरोप था, जो साबित नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि 26 अक्टूबर 2020 को फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में निकिता तोमर की कॉलेज के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
इस मामले में 55 गवाह पेश किए गए थे, जिसमें 2 बचाव पक्ष की तरफ से थे। 1 अक्टूबर को इस मामले का ट्रायल फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट में शुरू हुआ था। इस मामले में तीन चश्मदीद गवाह भी थे। इस मामले का सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद था। हरियाणा के बल्लभगढ़ में परिवार के साथ रह रही उत्तर प्रदेश के हापुड़ की रहने वाली निकिता तोमर, अग्रवाल अग्रवाल कॉलेज में B.Com फाइनल इयर की छात्रा थी।
26 अक्टूबर 2020 की शाम करीब पौने 4 बजे जब वह एग्जाम देकर कॉलेज के बाहर निकली तो सोहना निवासी तौसीफ ने अपने दोस्त रेहान के साथ मिलकर कार में उसे अगवा करने की कोशिश की। जब निकिता ने विरोध किया तो तौसीफ ने उसको गोली मार दी। अस्पताल में इलाज के दौरान निकिता की मौत हो गई थी। यह वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान करके तौसीफ और रेहान को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।