अपनी सनक और वेतुके फरमान जारी करते करते किम जोंग उन ने अपनी जनता को भुखमरी के मुहाने पर ला कर खड़ा कर दिया। किम जोंग उन ने भुखमरी से जूझ रही उत्तर कोरियाई लोगों के लिए UN से मांगी मदद मांगी है।
प्योंगयांग: अपनी सनक और वेतुके फरमान जारी करते करते किम जोंग उन ने अपनी जनता को भुखमरी के मुहाने पर ला कर खड़ा कर दिया। किम जोंग उन ने भुखमरी से जूझ रही उत्तर कोरियाई लोगों के लिए UN से मांगी मदद मांगी है। उत्तर कोरिया के लोग इन दिनों जिंदगी के सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उत्तर कोरिया ने संयुक्त राष्ट्र को भेजी स्वैच्छिक रिपोर्ट में जानकारी दी है कि 2018 में देश का खाद्य उत्पादन सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था। जिसकी मुख्य वजह प्राकृतिक आपदा और अपर्याप्त कृषि सामग्री को बताया गया है।उत्तर कोरिया ने अपने उपर संयुक्त राष्ट्र के लगे प्रतिबंधों को हटाने की अपील की है।
खबरों के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र में दक्षिण कोरिया के मिशन ने बुधवार को रिपोर्ट की सूचना दी। यह पहली बार है जब उत्तर कोरिया ने खाद्यान की कमी को सार्वजनिक किया है। उत्तर कोरिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उनके पास खेती के लिए निचले स्तर वाली मशीने हैं, जिससे वे पर्याप्त अनाज नहीं उगा पा रहे।
अनाज की भारी कमी के चलते सरकार पूरी तरह मांस पर निर्भर है। इसी साल देश को भरी तूफान का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद से खाद्यान संकट बढ़ता जा रहा है।
उत्तर कोरिया ने रिपोर्ट में कहा कि सतत विकास लक्ष्यों को पाने में उसे इसलिए बाधा आ रही है, क्योंकि उस पर संयुक्त राष्ट्र के कई प्रतिबंध लागू हैं। उत्तर कोरिया ने इन प्रतिबंधों को हटाने की अपील की है। दरअसल, परमाणु हथियारों और मिसाइलों के परीक्षण के लिए दंडित करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2017 में उत्तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए। इसमें सीमित स्तर पर कच्चे तेल का आयात, कपड़ा निर्यात, प्राकृतिक गैस और तरल आयात पर प्रतिबंध शामिल है। इसके साथ ही उत्तर कोरियाई नागरिकों को दूसरे देशों में काम करने से भी प्रतिबंधित कर दिया है।