मालगाड़ी में लौह अयस्क ले जा रही थी इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है। कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन से 126 किमी/ घंटा की गति से पार कर रही थी।
Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में शुक्रवार हुए रेल हादसे के बाद रेलवे बोर्ड की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है। रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने घटना की तस्वीर का वर्णन किया। उन्होंने बताया, कोरोनमंडल एख्सप्रेस को बहानागा स्टेशन से निकलने के लिए ग्रीन सिग्नल मिला था। हादसे के दौरान ट्रेन की स्पीड 128 की स्पीड थी, जिससे साफ है कि ट्रेन ओवर स्पीडि नहीं थी।
शुरुआती जांच में पता चला है कि सिग्नलिंग में परेशानी थी। ग्रीन सिग्नल होने के चलते वो अपनी रफ्तार से दौड़ रही थी और लूप लाइन में खड़ी मालगाड़ी में जा टकराई। रफ्तार इतनी तेज थी कि ट्रेन का इंजन मागलाड़ी के डिब्बे पर जा चढ़ा। उन्होंने बताया कि मालगाड़ी में लौह अयस्क ले जा रही थी इसलिए सबसे ज्यादा नुकसान कोरोमंडल एक्सप्रेस को हुआ। यह बड़ी संख्या में मौतों और चोटों का कारण है। कोरोमंडल एक्सप्रेस की पटरी से उतरी बोगियां डाउन लाइन पर आ गईं और यशवंतपुर एक्सप्रेस की आखिरी दो बोगियों से टकरा गईं, जो डाउन लाइन से 126 किमी/ घंटा की गति से पार कर रही थी।
यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे दुर्घटनाग्रस्त
बताया गया कि इस दौरान यशवंतपुर एक्सप्रेस वहां से गुजर रही थी। टक्कर के बाद पटरी से उतरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे यशवंतपुर एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बों से टकरा गए। इस वजह से यशवंतपुर एक्सप्रेस के डिब्बे भी पटरी से उतर गए।
275 लोगों की गई जान
बालासोर में हुए दर्दनाक ट्रेन दुर्घटना की तस्वीरें देख रोंगटे खड़े हो जा रहे हैं। रेलवे बोर्ड ने प्रेंस कॉन्फ्रेंस की। ओडिशा चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना ने बताया कि हादसे में 288 नहीं, बल्कि 275 लोगों की मौत हुई है। कुछ शव दो बार गिन लिए गए थे। हादसे में 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।