इस्लामाबाद। इमरान खान पाकिस्तान के इतिहास में दूसरे ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने नेशनल एसेंबली में अपनी इच्छा से विश्वास मत का सामना किया है। इससे पहले नवाज शरीफ ने सन् 1993 में स्वेच्छा से विश्वास मत का सामना किया था। हालांकि प्रधानमंत्री इमरान खान ने नेशनल एसेंबली में हुए विश्वास मत को जीत लिया है। लगभग एक घंटे तक चले विश्वास मत की प्रक्रिया में इमरान खान के समर्थन में 178 वोट पड़े हैं।
विश्वास मत के दौरान विपक्ष एसेंबली से गायब रहा। नेशनल एसेंबली के स्पीकर ने घोषणा कर यह बताया कि इमरान खान के पक्ष में 178 वोट पड़े हैं। इमरान खान की कुर्सी अब पूर्ण रुप से सुरक्षति हो गयी है। इमरान खान को नेशनल एसेंबली में 171 सांसदों का समर्थन चाहिए था क्योंकि सदन में कुल 342 सदस्यों में अभी 340 सदस्य हैं और दो सीटें खाली हैं। खान की पीटीआई के पास 157 सांसद हैं जबकि विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के 83 सदस्य हैं और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के 55 सांसद हैं।
विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की ओर से उम्मीदवार और पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने बुधवार को सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवार और देश के वित्तमंत्री अब्दुल हफीज शेख को हराकर इमरान खान को बड़ा झटका दे दिया। जिसके बाद इमरान खान को अपनी पार्टी के सदस्यों पर भरोसा नहीं रहा और उन्होंने उन्होंने विपक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की मांग को मान लिया।