शिक्षा के आधुनिकीकरण को लेकर सीएम योगी (CM Yogi) के प्रयास अब मूर्त रूप ले रहे हैं। बड़ी-बड़ी निजी कंपनियां अपने सीएसआर फंड (CSR Funds) के माध्यम से योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिशन कायाकल्प से जुड़कर विद्यालयों को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस करने के लिए आगे आ रही हैं।
लखनऊ। शिक्षा के आधुनिकीकरण को लेकर सीएम योगी (CM Yogi) के प्रयास अब मूर्त रूप ले रहे हैं। बड़ी-बड़ी निजी कंपनियां अपने सीएसआर फंड (CSR Funds) के माध्यम से योगी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिशन कायाकल्प से जुड़कर विद्यालयों को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस करने के लिए आगे आ रही हैं। इसी क्रम में टाटा की एयर इंडिया सैट्स (Air India SATS) अपने सीएसआर फंड (CSR Funds) से प्रदेश के प्राइमरी विद्यालयों का कायाकल्प कर रही है, जिसमें एक पूरी तरह बनकर तैयार है तो दूसरा भी जल्द बनकर तैयार हो रहा है। जनपद महाराजगंज में निर्मित इन प्राइमरी विद्यालयों को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। किचन से लेकर क्लासरूम, स्मार्ट क्लास तक की सभी सुविधाएं किसी ब्रांडेड प्राइवेट स्कूल की तर्ज पर बनाई गई हैं। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार (Yogi Government) ने प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों को विभिन्न पैरामीटर्स पर आधुनिक बनाने के लिए मिशन कायाकल्प की शुरुआत की थी। सरकार की ओर से निजी कंपनियों को भी इस योजना से जुड़कर सहयोग करने की अपील की गई थी।
45 लाख रुपए किए जा रहे खर्च
एआई सैट्स (AI SATS) ने महाराजगंज के दो प्राइमरी स्कूलों के कायाकल्प का जिम्मा उठाया है। इसके लिए उसने जिला प्रशासन को 45 लाख रुपए मुहैया कराए हैं। इस धनराशि से चौक क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय सोनाड़ी खास व प्राथमिक विद्यालय चौक छावनी को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। इनमें से एक प्राथमिक विद्यालय छावनी के कायाकल्प का कार्य पूर्ण हो चुका है। प्राथमिक विद्यालय का यह बदला हुआ स्वरूप लोगों को अचंभित कर रहा है। इसकी दीवारों पर वुड फर्निशिंग कराई गई है। कंप्यूटर, इंट्रैक्टिव पैनल, स्मार्ट क्लास, फर्नीचर आदि सुविधा मुहैया कराकर दोनों विद्यालयों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया गया है। जिन 19 पैरामीटर पर इन स्कूलों को सुधारा गया है, उसमें पेय जल, ब्लैक बोर्ड, फर्नीचर, शौचालय, नल से जल, रंगाई पुताई, साइंस लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब शामिल है।
शिक्षा को बढ़ावा देना है उद्देश्य
एआई सैट्स (AI SATS) के अधिकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में शिक्षा और उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की गुणवत्ता को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू की गई पहल कायाकल्प के तहत इन दोनों स्कूलों का चयन किया गया है। चयनित जिला वंचित और पिछड़ा हुआ है और यहीं पर कंपनी ने बीते दिनों जॉब फेयर का भी आयोजन किया था। इन दोनों स्कूलों के कायाकल्प की परियोजना पर कुल 45 लाख रुपए की लागत आएगी। इन स्कूलों के मेकओवर का उद्देश्य शिक्षा को बढ़ावा देना है। एआई सैट्स (AI SATS) का प्रयास सुविधा के अभाव में स्कूल नहीं आने वाले विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाना है। साथ ही, स्मार्ट और ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, खेल सुविधाओं की स्थापना के माध्यम से खेलने के साथ-साथ अच्छे स्वास्थ्य के साथ सीखने को बढ़ावा देना, छात्रों के बीच पढ़ने और पुस्तकालय की आदतों को बढ़ावा देने के लिए पुस्तकालय का निर्माण करना, स्कूलों में स्वच्छता में भाग लेने के लिए अधिक से अधिक बालिकाओं को आकर्षित करना शामिल है। वहीं, शौचालय का निर्माण,चारदीवारी की बाड़ लगाना और ज्ञानवर्धक वॉल पेंटिंग के जरिए छात्रों के लिए पढ़ने के अवसर उपलब्ध कराना भी इसका उद्देश्य है।
शिक्षा में सुधार के लिए सीएसआर के जरिए हजारों करोड़ खर्च कर रही संस्थाएं
कई बड़ी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं अपने सीएसआर फंड (CSR Fund)के माध्यम से शिक्षा विभाग के मिशन कायाकल्प में सहयोग कर रही हैं। बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार, प्रदेश में 75 संस्थाओं ने सीएसआर फंड के तहत 18 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा राशि का सहयोग किया है। इसमें किसी ने स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए, किसी ने स्मार्ट क्लास के लिए सहयोग किया है। वहीं, सीएसआर (CSR) के माध्यम से कंप्यूटर/साइंस लैब, फर्नीचर, झूले और आरओ भी लगवाए गए हैं। कुछ संस्थाओं ने खुद इन्फ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराया है तो कुछ ने इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए धनराशि प्रदान की है।