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Mukesh Sahni jeevan parichay: बचपन संघर्षों में गुजरा, 19 साल की उम्र में छोड़ा घर…अब बन गए ‘सन ऑफ मल्लाह’…जानिए मुकेश सहनी की कहानी?

अपनी कार्यकुशलता और विलक्षण प्रतिभा ने वहां पर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने फिल्म सेट निर्माण क्षेत्र में अपने करियर की शुरूआत की और जल्द ही अपनी इस क्षेत्र में पहचान बना ली। इसके बाद वो बिहार लौट आए, जहां पर उन्होंने अपनी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) बनाकर वहां की राजनीति में खुद को स्थापित कर दिया।

By शिव मौर्या 
Updated Date

Mukesh Sahni jeevan parichay: बिहार की राजनी​ति की अहम कड़ी माने जाने वाले ‘सन ऑफ मल्लाह’ नाम से विख्यात मुकेश सहनी का शुरूआती जीवन काफी संघर्ष भरा रहा। बचपन अत्यंत अभाव में गुजरा, जिसके कारण उन्हें 19 साल की उम्र में अपना गांव छोड़कर मुंबई जाना पड़ा। मुंबई पहुंचते ही उन्होंने अपनी प्रतिभा और संघर्ष से जीवन में बड़े बदलाव की ठान ली थी। अपनी कार्यकुशलता और विलक्षण प्रतिभा ने वहां पर सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने फिल्म सेट निर्माण क्षेत्र में अपने करियर की शुरूआत की और जल्द ही अपनी इस क्षेत्र में पहचान बना ली। इसके बाद वो बिहार लौट आए, जहां पर उन्होंने अपनी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) बनाकर वहां की राजनीति में खुद को स्थापित कर दिया।

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प्रारंभिक जीवन
मुकेश सहनी का जन्म 31 मार्च सन 1981 को बिहार के सुपौल गांव में हुआ था। इनके पिता का नाम जीतन सहनी और माता का नाम मीना देवी था। बचपन काफी संघर्ष भरा रहा, जिसके बाद वो मुंबई चले गए, जहां उन्होंने बॉलीवुड उद्योग में एक सेट डिजाइनर के रूप में अपनी शुरूआत कीक और उसमें वो सफल भी रहे। कहा जाता है कि, बचपन सघर्षों भरा होने के कारण वो 19 साल की उम्र में मुंबई चले गए थे। उनके पास उस समय कुछ भी नहीं था। कुछ दिनों बाद वे गांव वापस लौट आए। लेकिन उनका मन गांव में नहीं लगा। वे फिर से मुंबई चले गए। हालांकि, अब बिहार में उन्हें ‘सन ऑफ मल्लाह’ नाम नाम से जाना जाता है।

विकासशील इंसान पार्टी के हैं संस्थापक
मुंबई से लौटने के बाद मुकेश सहनी ने ​बिहार की राजनीति में अपनी हुंकार भरी और वो सफल भी हुए। उन्होंने बिहार में विकासशील इंसान पार्टी की नींव भी रखी। इसके साथ ही 27 मार्च 2022 तक बिहार सरकार में पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री के रूप में भी काम किया। उन्होंने 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था। अपनी पार्टी बनाने के बाद उन्होंने महागठबंधन के साथ चले गए थे। इसके साथ ही, खगड़िया से खुद लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद 2020 में वे फिर से राजग के साथ हो लिए। इस चुनाव में वीआईपी के चार प्रत्याशी जीतकर विधानसभा पहुंच गए, हालांकि इस चुनाव में भी सहनी हार गए। इसके बावजूद उन्हें मंत्री बनाया गया। इसके बाद वो यूपी विधानसभा चुनाव में हाथ आजमाने पहुंच गए, जो भाजपा को पसंद नहीं आया। इसके बाद वीआईपी के सभी विधायक भाजपा में शामिल हो गए और अंत में सहनी को मंत्री पद से भी हाथ धोना पड़ गया।

सेल्समैन से मंत्री तक का सफर
बताया जाता है कि मुकेश सहनी शुरू-शुरू में एक कॉस्मेटिक स्टोर में सेल्समैन की नौकरी की। यहीं से उन्हें फिल्मों, धारावाहिकों और कार्यक्रमों के सेट बनाने का आइडिया आया। उन्होंने इस क्षेत्र में खूब सफलता हासिल की और ‘मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड’ की स्थापना की। बाद में वे बिहार की राजनीति में एंट्री की। नीतीश सरकार में मंत्री भी बने। मुकेश सहनी एनडीए और इंडी अलायंस के साथ काम कर चुके हैं।

मुकेश सहनी के पिता की हुई थी हत्या
विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) के प्रमुख मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की दरभंगा में हत्या कर दी गयी थी। इस हत्याकांड के बाद बिहार की राजनीति में खूब हलचल मची थी। इसके साथ ही नीतीश सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए थे।

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ये है पूरा सफरनामा
नाम- मुकेश सहनी
दल – विकासशील इंसान पार्टी
पिता का नाम- जीतन सहनी
धर्म- हिन्दू
जन्‍म तिथि- 31 मार्च 1981
जन्‍म स्थान- बिहार

 

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