घर आंगन में बच्चों की किलकारी गूंजने से घर भरा भरा रहता है। संतान की चाह हर दंपति को होती है। किन्हीं कारणों वश कुछ लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आती है।
Putrada Ekadashi Tithi 2022 : घर आंगन में बच्चों की किलकारी गूंजने से घर भरा भरा रहता है। संतान की चाह हर दंपति को होती है। किन्हीं कारणों वश कुछ लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आती है। उन लोगों को संतान का स्वप्न पूरा पूरा नहीं होता है। हिंदू धर्म में संतान की इच्छा रखने वालों के लिए कई व्रत और अनुष्ठान बताए गए है।
हर मास में पड़ने वाली एकादशी में पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते है। नए साल की पहली एकादशी 13 जनवरी के दिन पड़ रही है। 13 जनवरी को पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। सदियों से संतान की चाह रखने वाले गृहस्थ इस एकादशी व्रत का पालन करते है।
धार्मिक ग्रंथों में पुत्रदा एकादशी की बहुत महिमा बताई गई है। इस व्रत में भगवान श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से पूजा की जाती है। इस व्रत को रखने वाले दंपत्ति को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी से संतान प्राप्ति की कामना करनी चाहिए।
पुत्रदा एकादशी तिथि
प्रारंभ: 12 जनवरी शाम 04 बजकर 49 मिनट पर शुरू
समाप्त: 13 जनवरी शाम 7 बजकर 32 मिनट पर
इस दिन तुलसी के पौधे की जड़ में शुद्ध घी का दीया जलाएं और तुलसी जी की आरती करें। ऐसा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है।
संतान प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी के दिन विवाहित दंपत्ति भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-उपासना करें। श्री कृष्ण को लड्डू अर्पित करें।