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राहुल गांधी का मोदी सरकार पर बड़ा अटैक, बोले-संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर बुधवार को कहा कि संसद के नए भवन (New Parliament Building) का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu)  के हाथों नहीं कराया जाना। समारोह में उनको (President Draupadi Murmu) आमंत्रित नहीं किया जाना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर बुधवार को कहा कि संसद के नए भवन (New Parliament Building) का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu)  के हाथों नहीं कराया जाना। समारोह में उनको (President Draupadi Murmu) आमंत्रित नहीं किया जाना देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान (Insult to The Highest Constitutional Post)है। उन्होंने यह भी कहा कि संसद अहंकार के ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है(Parliament is not made of bricks of ego, but of constitutional values)।

पढ़ें :- राहुल गांधी और कांग्रेस का गैर-जिम्मेदाराना रवैया भारतीय लोकतंत्र को कमजोर करने का असफल प्रयास : केशव मौर्य

राहुल गांधी (Rahul Gandhi)  ने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति से संसद का उद्घाटन न करवाना और न ही उन्हें समारोह में बुलाना – यह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान (Insult to The Highest Constitutional Post) है। संसद अहंकार की ईंटों से नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों से बनती है (Parliament is not made of bricks of ego, but of constitutional values)।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश (Congress General Secretary Jairam Ramesh) ने ट्वीट कर कहा कि’संसद में ‘लोकतंत्र’ की शहनाई बजनी चाहिए, लेकिन जब से स्वघोषित विश्वगुरु पधारे हैं ‘एकतंत्र’ की तोप चलाई जा रही है। इमारत नहीं, नीयत बदलो!’

विपक्ष के 19 दलों ने बुधवार को ऐलान किया कि वे संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार करेंगे क्योंकि इस सरकार के कार्यकाल में संसद से लोकतंत्र की आत्मा को निकाल दिया गया है और समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखकर ‘अशोभनीय कृत्य’ किया गया है।

विपक्ष ने एक संयुक्त बयान में यह आरोप भी लगाया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को उद्घाटन समारोह से दरकिनार करना और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन करने का फैसला लोकतंत्र पर सीधा हमला है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे। इससे पहले कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम से दूरी बनाने का एलान किया है। वहीं, टीडीपी और वाईएसआरसीपी ने कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही है।

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