सनातन धर्म में माता और पुत्र के रिश्ते बहुत महत्व है। माता और पुत्र के संबंधों को लेकर बहुत सी कथाएं प्रचलित है। माघ मास में माता पुत्र की रक्षा के लिए एक व्रत रखती है। इस मास की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है।
Sakat Chauth 2022 : सनातन धर्म में माता और पुत्र के रिश्ते बहुत महत्व है। माता और पुत्र के संबंधों को लेकर बहुत सी कथाएं प्रचलित है। माघ मास में माता पुत्र की रक्षा के लिए एक व्रत रखती है। इस मास की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है।
इस दिन माताएं अपने पुत्र की सलामती के लिए व्रत रखती हैं। इस बार संकष्टी चतुर्थी (सकट चौथ) 21 जनवरी को होगी। सकट चौथ सभी संकटों का नाश करने वाला होता है, इसलिए इसे संकटा चौथ भी कहते हैं। इस व्रत में गणेश जी की पूजा का विधान है। रात्रि के समय में चंद्रमा को जल अर्पित करने के बाद ही यह व्रत पूरा होता है। सकट चौथ को चंद्रोदय रात 09 बजे होना है। इस व्रत में इन मंत्रों के साथ भगवान गणेश की आराधना करनी चाहिए।
गणेश स्तुति का मंत्र
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्ं.
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्॥