भोजन तन मन दोनों को पुष्ट करता है। सात्विक भोजन के बारे में आयुर्वेद के ग्रंथों में विशेष रूप से बताया गया है। प्राचीन धर्म ग्रंथों में भोजन करने के नियमों के बारे में और उसके प्रभाव के बारे में कहा गया है कि व्यक्ति जैसा अन्न खाता है वैसा उसका मन बन जाता है।
Shakun Shastra: भोजन तन, मन दोनों को पुष्ट करता है। सात्विक भोजन के बारे में आयुर्वेद के ग्रंथों में विशेष रूप से बताया गया है। प्राचीन धर्म ग्रंथों में भोजन करने के नियमों के बारे में और उसके प्रभाव के बारे में कहा गया है कि व्यक्ति जैसा अन्न खाता है वैसा उसका मन बन जाता है। प्राचीन ग्रंथ शकुन शास्त्र में शुभ और अशुभ संकेतों के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है। भोजन करने के शुभ अशुभ संकेत होते है। आइये जानते है भोजन करने के शुभ अशुभ संकेतों के बारे में।
1.दक्षिण दिशा में भोजन करना अशुभ होता है, इससे व्यक्ति को पाचन समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
2.दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से मान-सम्मान की हानि होती है।
3.पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से आयु व पश्चिमी की ओर मुख करके भोजन करने से धन लाभ होता है।
4.पूर्व की ओर मुख करके भोजन करने से आयु व पश्चिमी की ओर मुख करके भोजन करने से धन लाभ होता है।
5.सपने में खुद को खाना बनाते हुए देखने से आपको जल्द ही कोई अच्छी खबर मिलने वाली है।
6.खाना खाने के बाद थाली में हाथ नहीं घुलना चाहिए। यह शुभ नहीं माना जाता है।
7.हमेशा भोजन बैठकर करें। कभी भी सीधे जमीन पर बैठकर भोजन न करें, बल्कि आसन बिछाएं।
8.बिस्तर पर बैठ कर भोजन नहीं करना चाहिए।
9.खाना खाते समय क्रोध और बातचीत न करें। इसके अलावा भोजन करते समय अजीब सी आवाजें निकालना भी अच्छा नहीं होता।