समाज में प्राचीन परंपराओं को लेकर अक्सर बहस छिड़ जाती है। नई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से प्राचीन मान्यताओं और परंपराओं को लेकर तर्क करती है। शकुन अपशकुन को लेकर चली आ रही मान्यताएं पूरी दुनिया किसी न किसी रूप में मानी जाती है।
Shakun Shastra : समाज में प्राचीन परंपराओं को लेकर अक्सर बहस छिड़ जाती है। नई पीढ़ी पुरानी पीढ़ी से प्राचीन मान्यताओं और परंपराओं को लेकर तर्क करती है। शकुन अपशकुन को लेकर चली आ रही मान्यताएं पूरी दुनिया किसी न किसी रूप में मानी जाती है। प्राचीन धार्मिक ग्रंथ शकुन शास्त्र में शकुन और अपशकुन को लेकर विस्तृत रूप से बताया गया है। कार्यों की सफलता और असफलता के पीछे अंतिम लाईन का सबसे अंतिम शब्द यही होता है कि शकुन ठीक था या शकुन ठीक नहीं था। आईये जानते हैं शकुन अपशकुन के बारे में।
1.पुराने व जंग लगे लोहे को घर में रखना अशुभ है।
2.यदि जागने पर सबसे पहले आपकी नजर दूध या दही से भरे पात्र पर पड़े तो इसे भी शुभ शकुन समझा जाता है।
3.दवा का सेवन करते समय यदि छींक आए और औषधि गिर जाए तो रोग का निवारण शीघ्र होता है।
4.भोजन करते समय यदि कोई कुत्ता आपके सामने आकर अपनी पूंछ उठाकर सिर को हिलाता है तो वह भोजन नहीं करना चाहिए।
5.कुत्ता पेड़ के नीचे खड़ा होकर भौंकता है तो ये वर्षाकाल में अच्छी वर्षा का संकेत होता है।
6.कुत्ता यदि अपनी जीभ से अपने दाहिने अंग को चाटता है अथवा खुजलाता है तो ये कार्य सिद्धि की सूचना है।
7.चारपाई के नीचे घुसकर कुत्ता भौंकता है तो उस चारपाई पर सोने वाले को रोग और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
8.नवजात शिशु के तकिए के नीचे चाकू रखना शुभ होता है। इससे बच्चों की बुरी आत्माओं से रक्षा होती है व नींद में बच्चे रोते भी नहीं हैं।