आज कल आयु, हर लिंग, हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों में त्वचा से जुड़ी समस्या आम हो गई है। यह समस्या है वह है-रिंगवर्म इन्फ़ेक्शन।
Skin Problem: आज कल आयु, हर लिंग, हर वर्ग और हर क्षेत्र के लोगों में त्वचा से जुड़ी समस्या आम हो गई है। यह समस्या है वह है-रिंगवर्म इन्फ़ेक्शन। इस रोग में त्वचा पर लाल रंग की एक रिंग बनती है जिसमे खुजली तथा जलन होती है। वास्तविक रूप से यह फ़ंगस से होता है और इसमें किसी प्रकार के वर्म्स या कृमियों का कोई योगदान नहीं है, इसका नाम इसके त्वचा पर होने वाले गोल रिंग के आकार के इन्फ़ेक्शन के कारण पड़ा है।ऐसी किसी समस्या का उपाय सिर्फ बचाव है।
बचाव कैसे हो
1.संक्रमित व्यक्ति, जानवर और वस्तुओं से दूर रहें।
2.गीले कपड़े न पहनें। टाइट और मोटे कपड़े न पहनें। अंडरगार्मेंट्स एक दिन से ज़्यादा न पहनें तथा पहनने से पहले उसे
3.धूप में अच्छे से सूखा लें या प्रेस कर लें।
4.पसीना ज़्यादा आने वाली जगह जैसे यौनांग के पास, बगल में और स्तनों के नीचे के हिस्सों को साफ करते रहें।
5.होटलों में ठहरने पर भी नई और साफ़ चादर ही प्रयोग करें। पब्लिक टॉयलेट के वेस्टर्न कमोड को प्रयोग करने के बाद उससे स्पर्श हुए हिस्से को भी अच्छे से साफ कर लें।
उपचार
1.आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इस रोग में एंटीफ़ंगल लोशन या क्रीम और खाने की दवाई का प्रयोग किया जाता है लेकिन दुर्भाग्य से कई दवाइयां अब इस पर बेअसर होती हुई दिखाई पड़ रही हैं।
2.आयुर्वेद में कई रक्तशोधक दवाई खाने के लिए दी जाती है।
3.लगाने के लिए निम्ब का तेल, करंज का तेल, तुवरक का तेल, पवाड़ के बीजों आदि का तेल लगाया जाता है।
4.मुर्दारशंख का लेप भी लाभ देता है।
5.पवाड के पत्तों या बीजों का लेप भी लाभकारी है।