नारों और वादों के बीच पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार गुरुवार की शाम 5 बजे थम गया। बंगाल में टीएमसी को टक्कर देने के लिए जहां भाजपा ने आरोपों के गोले दागे, वहीं टीएमसी ने अपने किले को बचाने के लिए हर संभव किले बंदी की। बंगाल में पहले चरण की 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार गुरुवार को शाम 5 बजे थम गया। इन सीटों पर 27 मार्च को मतदान होगा।
कोलकाता: नारों और वादों के बीच पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार गुरुवार की शाम 5 बजे थम गया। बंगाल में टीएमसी को टक्कर देने के लिए जहां भाजपा ने आरोपों के गोले दागे, वहीं टीएमसी ने अपने किले को बचाने के लिए हर संभव किले बंदी की। बंगाल में पहले चरण की 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार गुरुवार को शाम 5 बजे थम गया। इन सीटों पर 27 मार्च को मतदान होगा।
पहले चरण की 30 सीटें आदिवासी बहुल पुरुलिया, बांकुरा, झारग्राम, पूर्वी मेदिनीपुर (भाग-1) और पूर्वी मेदिनीपुर (भाग-2) जिलों में फैली हुई हैं। इन क्षेत्रों को एक समय वाम दलों के प्रभाव वाला माना जाता था। इन सीटों पर चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरती दिख रही भाजपा के बड़े नेताओं ने पुरुलिया, झाड़ग्राम और बांकुड़ा जिलों में रैलियों को संबोधित किया और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने के लिए वास्तविक बदलाव लाने का वादा किया।
पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनके लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। भाजपा के अन्य स्टार प्रचारकों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शामिल रहे। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में करिश्मा करते हुए 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की कुल 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर शानदार जीत दर्ज की, जो सत्ताधारी टीएमसी से सिर्फ 4 सीटें कम थी।