सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। इस इस तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान और उसके बाद दान देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।
Somvati Amavasya 2022 : सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का बहुत महत्व है। इस इस तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान और उसके बाद दान देने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस बार अमावस्या तिथि 31 जनवरी और 1 फरवरी को रहेगी। 1 फरवरी को सोमवार होने से ये सोमवती अमावस्या कहलाएगी। इस दिन व्रत रहने का भी विधान है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त गण इस भोलेनाथ की आराधना करते है। ऐसी मान्यता है इस तिथि पर निर्बल और निशक्त व्यक्तियों की सहायता और दान देने को बहुत ही फलित माना जाता है।
शिव आराधना के लिये विशेष रूप से फलित यह दिन शिव के मंत्रों के द्वारा भोलेनाथ की आराधना की जाती है। शिव भक्तों द्वारा इस भोलेनाथ को जलाभिषेक भी किया जाता है। महिलाएं सोमवती अमावस्या के व्रत के द्वारा अपने अपने अमर सुहाग की रक्षा का वरदान मांगा जाता है। महिलाएं इस दिन मां पार्वती की भी पूजा करती है।
सोमवती अमावस्या की तिथि
अमावस्या आरंभ: 31 जनवरी, सोमवार, दोपहर 2: 20 मिनट से
अमावस्या समाप्त: 1 फरवरी, मंगलवार, प्रातः 11:16 मिनट तक