वास्तव में यह आजतक रहस्य है कि किसी की मौत किन कारणों से या कैसे होगी। फिर भी हम कुछ अनुमानित कारणों को आज बताने जा रहे हैं, जो शास्त्रों में मिलते हैं और जिन्हे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। शास्त्रों के अनुसार मृत्यु तीन प्रकार से होती है- भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक।
नई दिल्ली: यह जीवन की सच्चाई है। यहां पैदा होने वाला हर जीव एक दिन जरूर अपने शरीर को त्यागता है। कहा जाता है कि शरीर को त्यागकर हमारी आत्मा परमात्मा धाम में जाने के लिए कर्मानुसार आगे बढ़ती है। हर मनुष्य इस सच्चाई से भागता है औऱ यह सोचता है कि उसे यह सब नहीं होगा।
आपको बता दें, वास्तव में यह आजतक रहस्य है कि किसी की मौत किन कारणों से या कैसे होगी। फिर भी हम कुछ अनुमानित कारणों को आज बताने जा रहे हैं, जो शास्त्रों में मिलते हैं और जिन्हे जानकर आप हैरान हो जाएंगे। शास्त्रों के अनुसार मृत्यु तीन प्रकार से होती है- भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक।
किसी दुर्घटना या बीमारी से मृत्यु का होना भौतिक कारण की श्रेणी में आता है। इस समय भौतिक तरंग अचानक मानसिक तरंगों का साथ छोड़ देती है और शरीर प्राण त्याग देता है।
कभी-कभी हम जब किसी ऐसी घटना-दुर्घटना के बारे में सोचते है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। ऐसे में आपको दिल का दौरा पड़ता है और आपकी मौत हो जाती है। इसे मानसिक कारण द्वारा आई हुई मौत कहा जाता है। इस समय में भी भौतिक तरंगें मानसिक तरंगों से अलग हो जाती है और व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
मृत्यु का तीसरा कारण आध्यात्मिक है। आध्यात्मिक साधना में मानसिक तरंग का प्रवाह जब आध्यात्मिक प्रवाह में समा जाता है, तब व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है क्योंकि भौतिक शरीर अर्थात भौतिक तरंग से मानसिक तरंग का तारतम्य टूट जाता है। ऋषि मुनियों ने इसे महामृत्यु कहा है। धर्म ग्रंथों के अनुसार महामृत्यु के बाद नया जन्म नहीं होता और आत्मा जीवन-मरण के बंधन से मुक्त हो जाती है।