Ways to prevent tetanus: अक्सर आपने देखा होगा कि घर में जब भी किसी को लोहे की चीज से चोट लग जाती है तो फौरन डॉक्टर के पास जाकर टिटनेस का इंजेक्शन लगवाया जाता है। क्योंकि टिटनेस का कोई इलाज नहीं होता है। टिटनेस का इंजेक्शन कोई टिटनेस (tetanus) की दवा नहीं बल्कि एक वैक्सीन होती है जो इससे बचाव करती है।
पढ़ें :- World diabetes day 2024: शुगर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं कीचन में मौजूद ये मसाले
डब्लूएचओ के अनुसार अगर किसी को टिटनेस (tetanus) हो जाए तो उसका बचना मुश्किल हो जाता है। क्योंकि टिटनेस का इंफेक्शन नर्वस सिस्टम और मांसपेशियों पर अटैक करता है। इसकीवजह से किडनी औऱ हार्ट फेल हो सकता है। जिससे मौत भी हो सकती है।
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार अगर किसी को कोई घाव लगता है तो तुरंत प्राथमिक उपचार करना चाहिए। क्योंकि बैक्टीरिया खुले घाव से शरीर में प्रवेश कर जाता है औऱ इस बीमारी का कारण बन जाता है। इसलिए कभी भी चोट को खुला न छोड़ें। चोट खुली रहने पर टिटनेस का बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर जाता है। यह एक तरह का जहर खून में छोड़ता है। ये जहर मांसपेशियों और नर्वस सिस्टम से लेकर शरीर के किसी भी हिस्से पर अटैक करता है।
इससे हड्डियों में दर्द औऱ शरीर में अकड़न आ जाती है। अगर बैक्टीरिया का पहला अटैक नर्वस सिस्टम पर होता है तो अचानक लकवा भी मार सकता है। इसलिए टिटनेस से बचने के लिए वैक्सीन जरुर लगाएं। वैक्सीन कराने से कभी भी चोट लगने पर टिटनेस का खतरा नहीं रहता है। टिटनेस (tetanus) का टीका लगने के बाद कम से कम पांच साल तक इंफेक्शन का डर नहीं होता है।