लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़नी शुरू हो गयी है। विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद भी जारी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसकी अगुवाई करते हुए दिख रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने कांग्रेस अध्यख मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, टीएमसी प्रमुख ममता बजर्नी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़नी शुरू हो गयी है। विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद भी जारी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसकी अगुवाई करते हुए दिख रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने कांग्रेस अध्यख मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, टीएमसी प्रमुख ममता बजर्नी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की थी।
इस मुलाकात से साफ है कि आगमी 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष एक मंच पर आने की कोशिश में जुट गया है। इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने शनिवार को संकेत दिया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election 2023) के बाद पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक हो सकती है।
नीतीश ने कहा, हम निश्चित रूप से एक साथ बैठेंगे और 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए विपक्षी दलों को एकजुट करने के मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने ये भी कहा कि वर्तमान में कुछ नेता कर्नाटक विधानसभा चुनाव में व्यस्त हैं। एक बार यह खत्म हो जाए, तो हम अपनी बैठक के स्थान को अंतिम रूप देंगे। अगर पटना को सर्वसम्मति से विपक्षी नेताओं की बैठक के अगले स्थान के रूप में चुना जाता है, तो इसे यहां आयोजित किया जाएगा।