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यह महिला आरक्षण बिल नहीं, 2024 चुनाव से पहले महिला बेवकूफ बनाओ बिल है : आप

आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार की तरफ से मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक (Women's Reservation Bill) को महिलाओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश बताया है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी (Minister Atishi in Delhi Government) ने कहा कि महिलाओं को 2028 से पहले आरक्षण नहीं मिल पाएगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (AAP) ने केंद्र सरकार की तरफ से मंगलवार को लोकसभा में पेश किए गए महिला आरक्षण विधेयक (Women’s Reservation Bill) को महिलाओं को बेवकूफ बनाने की कोशिश बताया है। दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी (Minister Atishi in Delhi Government) ने कहा कि महिलाओं को 2028 से पहले आरक्षण नहीं मिल पाएगा। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में वोट मांगने के लिए महिलाओं को बेवकूफ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इस बिल में संशोधन करके इसे 2024 से ही लागू किया जाए। हालांकि, उन्होंने एक बार फिर कहा कि सैद्धांतिक रूप से उनकी पार्टी इसके समर्थन में है।

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आतिशी ने संविधान संशोधन बिल (Constitutional Amendment Bill) की प्रति हाथ में लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ‘कल रात मीडिया के जरिए खबर आई कि महिला आरक्षण विधेयक (Women’s Reservation Bill)  को कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसे संसद में पेश किया जाएगा। आम आदमी पार्टी ने इस बिल का स्वागत किया। कुछ समय पहले यह संविधान संशोधन बिल (Constitutional Amendment Bill)  सार्वजनिक हुआ और इसे हमने पढ़ा तो समझ में आया कि यह महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill)  नहीं है, 2024 चुनाव से पहले महिला बेवकूफ बनाओ बिल है।

जिस महिला आरक्षण बिल का इतना ढिंढोरा पीटा जा रहा है वह 2027 या 2028 से लागू होगा

आतिशी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि 2024 के चुनाव में महिलाओं को आरक्षण नहीं मिलने वाला है। यह बिल जब पास होगा उसके बाद जो पहली जनगणना होगी उसके आधार पर परिसीमन होगा। उसके आधार पर महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जनगणना होने में कम से कम एक साल का समय लगता है। उसके बाद परिसीमन प्रक्रिया शुरू होगी। एमसीडी जैसे छोटे चुनाव में परिसीमन में चुनाव आयोग को छह महीने का समय लगा। पूरे देश का करने में एक-दो साल आराम से लग जाएगा। 91वें संविधान संशोधन के अनुसार 2026 से पहले राष्ट्रीय स्तर पर परिसीमन हो ही नहीं सकता। इसका मतलब जिस महिला आरक्षण बिल (Women’s Reservation Bill)  का इतना ढिंढोरा पीटा जा रहा है वह 2027 या 2028 से लागू होगा।

आज जितनी सीटें हैं उसमें एक तिहाई आरक्षण क्यों नहीं दे सकते हैं?’

आतिशी ने कहा कि बिल के प्रावधानों को पढ़ने से पता चलता है कि 2024 के चुनाव से पहले देश की महिलाओं को बेवकूफ बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि मोदी जी की नीयत होती कि उन्हें महिलाओं को वास्तव में आरक्षण देना है तो वह 2024 में दे देते। क्यों उन्होंने कहा कि पहले हम जनगणना का इंतजार करेंगे, फिर परिसीमन का इंतजार करेंगे। उसके बाद महिलाओं को आरक्षण देंगे। आज जितनी सीटें हैं उसमें एक तिहाई आरक्षण क्यों नहीं दे सकते हैं?’

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