नई दिल्ली। टूलकिट मामले में गिरफ्तार हुईं दिशा रवि की जमानत याचिका पर दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा की बेंच ने मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने दिशा रवि की जमानत याचिका पर अपना फैसला मंगलवार तक सुरक्षित रख लिया है। वहीं, सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा कि यह महज एक टूलकिट नहीं था।
असली मंसूबा भारत को बदनाम करने और यहां अशांति पैदा करने की थी। उन्होंने कहा कि दिशा रवि ने व्हाट्सऐप पर हुई बातचीत मिटा दी, क्योंकि वह कानूनी कार्रवाई से अवगत थी। इससे जाहिर होता है कि टूलकिट के पीछे नापाक मंसूबा था। पुलिस ने कहा कि दिशा रवि भारत को बदनाम करने, किसानों के प्रदर्शन की आड़ में अशांति पैदा करने की वैश्विक साजिश के भारतीय चैप्टर का हिस्सा थीं।
पुलिस ने यह भी आरोप लगाया कि दिशा रवि टूलकिट तैयार करने और उसे साझा करने को लेकर खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में थी। वहीं दिशा रवि के वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने कोर्ट में कहा कि मेरे मुवक्किल दिशा रवि का खालिस्तान से कोई संबंध नहीं है। उसका सिख फॉर जस्टिस या पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन (पीजेएफ) से भी कोई संबंध नहीं है।
इस मामले में यह साफ है कि अगर आप विरोध करेंगे तो राजद्रोह का केस लग जाएगा। वहीं पटियाला हाउस कोर्ट ने दिशा रवि की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब अगली सुनवाई मंगलवार को होगी।