पगड़ी सिर पर बांधा जाने वाला परिधान या पहनावा है। पगड़ी को फारसी में दुलबंद और अंग्रेजी में टर्बन (Turban) कहा जाता है।
Turban Head : पगड़ी सिर पर बांधा जाने वाला परिधान या पहनावा है। पगड़ी को फारसी में दुलबंद और अंग्रेजी में टर्बन (Turban) कहा जाता है। यह विभिन्न समुदायों में अलग-अलग आकार और नामों से प्रचलन में रही हैं। पगड़ी विश्व के अनेक समाजों में प्रचलित थी।भारत में भी पगड़ी का बहुत प्रचलन था और सभी वर्गों के लोग इसे धारण करते थे।अंग्रेजों के आगमन के बाद इसमें धीरे-धीरे कमी आयी। इसके वैज्ञानिक कारण भी है। सिर मनुष्य के अंगों में सबसे संवेदनशील स्थान होता है। पौराणिक कथाओं में भी नायक, उपनायक तथा खलनायक भी सिर को ढंकने के लिए मुकुट पहनते थे।
आदमी और औरत दोनों पगड़ी पहनते हैं
पूर्व काल में हमारे दादा-परदादा नियमित रूप से टोपी या पगड़ी पहनते थे। सिख समुदाय में आदमी और औरत दोनों पगड़ी पहनते हैं। सूफी संतों की भी यह पारंपरिक वेशभूषा का हिस्सा है। पगड़ी की लाज, पगड़ी की शान जैसे मुहावरे समाज में प्रचलित हैं।
पगड़ी धारण करना शुभ होता है
प्रसिद्ध ज्योतिष ग्रंथ लाल किताब के अनुसार सिर पर टोपी और पगड़ी धारण करना शुभ होता है। इससे मान-सम्मान और प्रतिष्ठा मिलती है। अगर आप टोपी या पगड़ी धारण नहीं करते हैं तो बालों को अच्छी तरह से संवार कर रखें। इससे सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
पगड़ी
1. क्रान्ति बढ़ती है|
2. देशों के लिए हितकारी होता है |
3. धूल, वात, तथा कफ से रक्षा होती है।
4.पगड़ी हल्की ही उत्तम है।