इसी के चलते कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु प्रदेश के मेडिकल कालेजों, संस्थानों स्थापित लेवल-2 और लेवल-3 के कोविड समर्पित अस्पतालों आक्सीजन गैस का समुचि उपयोग किये जाने को लेकर प्रमुख सचिव शिक्षा आलोक कुमार कड़े आदेश जारी किए हैं।
लखनऊ: देशभर में कोरोना वायरस बड़ी ही तेजी के साथ लोगों को संक्रमित कर रहा है, लेकिन इस बार देश सिर्फ इस वायरस की वजह से परेशान नहीं है। बल्कि इस बार ऑक्सीजन की कमी भी एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों को अस्पताल में बेड नहीं मिल पा रहे हैं, और जिन्हें बेड मिल भी रहे हैं तो उन्हें ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है।
इसी के चलते कोविड-19 से संक्रमित मरीजों के उपचार हेतु प्रदेश के मेडिकल कालेजों, संस्थानों स्थापित लेवल-2 और लेवल-3 के कोविड समर्पित अस्पतालों आक्सीजन गैस का समुचि उपयोग किये जाने को लेकर प्रमुख सचिव शिक्षा आलोक कुमार कड़े आदेश जारी किए हैं।
दरअसल, इस आदेश में यह निर्देश जारी हुआ है कि यह कड़ाई से सुनिश्चित किया जाये कि मेडिकल कालेजों और संस्थानों में ऑक्सीजन की आपूर्ति हेतु लगाये गये मेडिकल ऑक्सीजन गैस प्लाण्ट के स्टोरेज टैंक व सप्लाई पाइप लाइन में किसी भी प्रकार का लिकेज अथवा डेमेज न होने पाये।
इतना ही नहीं समस्त प्रधानाचार्यों, निदेशक, कुलपति से यह अपेक्षा की जाती है कि वह अपने संस्थान में एक अन्तिरिक समिति गठित कर आक्सीजन के उपयोग की समीक्षा करें एवं यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन का उपयोग इस पत्र के साथ संलग्न गाइडलाइन व शासनादेश पिछले साल 26.09.2020 में उल्लिखित मानकों से अधिक न हो यदि ऐसा हो तो तत्काल आवश्यक सुधारात्मक उपाय किये जाएं। और महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण से अपेक्षा की जाती है कि वह कतिपय मेडिकल कालेजों में रेण्डम बेसिस पर ऑडिट भी कराये ताकि उपर्युक्त आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके।