सुरंग के बाहर परिजन बेसब्री से अपनों के निकालने का इंतजार कर रहे हैं। बुधवार की रात को चले अभियान की रफ्तार से ये उम्मीद जताई जा रही थी कि गुरुवार की सुबह तक सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर आ जाएंगे, लेकिन रात को अमेरिकन ऑगर ड्रिल मशीन की राह में लोहे के सरिये व गाटर आ गए जो टनल के भीतर के स्ट्रक्चर के लिए लगाए गए थे। इससे मशीन का पुर्जा भी टूट गया। मशीन रोकनी पड़ी थी।
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को बचाने का अभियान जारी है। उम्मीद थी कि गुरुवार श्रमिकों को सुरक्षति बाहर निकाल लिया जाएगा। हालांकि, शाम ढलते ही और अड़चनों की वजह से श्रमिकों को बाहर आने का इंतजार बढ़ता रहा। वहीं, आज शाम तक उनके बाहर आने की उम्मीद है। ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया।
वहीं सुरंग के बाहर परिजन बेसब्री से अपनों के निकालने का इंतजार कर रहे हैं। बुधवार की रात को चले अभियान की रफ्तार से ये उम्मीद जताई जा रही थी कि गुरुवार की सुबह तक सभी 41 मजदूर सकुशल बाहर आ जाएंगे, लेकिन रात को अमेरिकन ऑगर ड्रिल मशीन की राह में लोहे के सरिये व गाटर आ गए जो टनल के भीतर के स्ट्रक्चर के लिए लगाए गए थे। इससे मशीन का पुर्जा भी टूट गया। मशीन रोकनी पड़ी थी।
13 दिनों से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
बता दें कि, उत्तरकाशी के टनल में बीते 13 दिनों से चल रहे रेस्क्यू अभियान अपने आखिरी चरण में है। अब किसी भी वक्त टनल में फंसे श्रमिकों को बाहर निकाला जा सकता है। इस बीच रेस्क्यू के काम में जुटे कर्मचारियों ने स्ट्रेचर को ड्रिल किए गए मलबे में डालकर मजदूरों को बाहर निकालने का अभ्यास किया। बताया जा रहा है कि अंदर फंसे मजदूरों को स्ट्रेचर की मदद से ही बाहर निकाला जाएगा।