हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। प्राचीन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से भगवान श्रीहरी प्रसन्न होते है और मोक्ष का वरदान देते है।
Vaikuntha Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। प्राचीन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत रखने से भगवान श्रीहरी प्रसन्न होते है और मोक्ष का वरदान देते है। पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को वैकुंठ एकादशी व्रत रखा जाता है। इस बार एकादशी तिथि 12 जनवरी दिन बुधवार को शाम 04:49 बजे से लग जा रही है, जो कि 13 जनवरी दिन गुरुवार को शाम 07:32 बजे तक है।
इस एकादशी व्रत को वैकुंठ एकादशी के अलावा मोक्षदा एकादशी और पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इसे मुक्कोटी एकादशी भी कहते हैं। साथ ही इस व्रत को करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति भी होती है। इस दिन पूजा के समय वैकुंठ एकादशी व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। आइए जानते हैं वैकुंठ एकादशी का महत्व और कथा।
एकादशी व्रत में ये काम न करें
एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी का पत्ता न तोड़ें।
इस दिन सात्विक जीवन जीना चाहिए।
इस दिन प्याज, लहसुन, अंडा, मांस, मदिरा आदि का सेवन भूलकर भी न करें।