लेह, लद्दाख: लेह-लद्दाख (Leh-Ladakh) की शांत वादियों में बुधवार को हज़ारों की संख्या में छात्र और स्थानीय लोग अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतर आए, जिसके बाद उनकी पुलिस से झड़प हो गई। इस दौरान जमकर हंगामा हुआ, पत्थरबाज़ी हुई और गाड़ियों में आग भी लगा दी गई। बता दें कि लद्दाख (Ladakh) को पूर्ण राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) के समर्थन में छात्रों ने एक विशाल रैली निकाली। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से हिंसक झड़प हो गई, जिसमें पत्थरबाज़ी और आगज़नी जैसी घटनाएं हुईं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
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आखिर ये पूरा मामला क्या है?
ये कहानी शुरू होती है मशहूर शिक्षाविद और पर्यावरणविद सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) की भूख हड़ताल से। सोनम वांगचुक (Sonam Wangchuk) लेह-लद्दाख (Leh-Ladakh) के लोगों के अधिकारों के लिए लंबे समय से आवाज़ उठा रहे हैं और इसी सिलसिले में वे भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनके समर्थन में ही बुधवार को एक बड़ी रैली निकाली गई, जिसमें ज़्यादातर छात्र शामिल थे।
लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज के बाद उग्र भीड़ ने लेह में BJP कार्यालय ने आग लगा दी । pic.twitter.com/sBZqHdyCcM
— अश्विनी सोनी (@Ramraajya) September 24, 2025
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जब ये रैली आगे बढ़ रही थी, तो प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच टकराव हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके और आरोप है कि उन्होंने सीआरपीएफ (CRPF) की एक गाड़ी समेत कई गाड़ियों में आग लगा दी। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को भी लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। विरोध प्रदर्शन के दौरान लेह में भाजपा कार्यालय (BJP office) में आग लगा दी गई।
जानें क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं लोग?
आपको याद होगा कि 5 अगस्त 2019 को सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया था- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख। तब लद्दाख के लोगों को उम्मीद थी कि इससे उनका विकास होगा, लेकिन अब उन्हें डर है कि अपनी ज़मीन, पहचान और संस्कृति खो देंगे।
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इसीलिए, सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख के लोग सरकार से चार बड़ी मांगें कर रहे हैं। लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले इसके लिए वे चाहते हैं कि लद्दाख सिर्फ केंद्र के अधीन न रहे, बल्कि उसका अपना मुख्यमंत्री और अपनी विधानसभा हो, जैसे दूसरे राज्यों में होता है।
संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हो। यह एक विशेष संवैधानिक दर्जा है जो आदिवासी क्षेत्रों की ज़मीन और संस्कृति की रक्षा करता है। इससे बाहरी लोग आसानी से वहां ज़मीन नहीं खरीद पाएंगे। लद्दाख एक बहुत बड़ा इलाका है, इसलिए वे लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग यानी कुल दो लोकसभा सांसद चाहते हैं।
जनजातियों को मिले आदिवासी का दर्जा
वे चाहते हैं कि लद्दाख की जनजातियों को आधिकारिक तौर पर आदिवासी का दर्जा मिले ताकि उन्हें सरकारी योजनाओं और आरक्षण का लाभ मिल सके। फिलहाल, प्रशासन का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर लद्दाख के लोगों की चिंताओं और मांगों को पूरे देश के सामने लाकर रख दिया है।
कांग्रेस, बोली- भाजपा सरकार तुरंत आंदोलित छात्रों से करे बात
यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र सिंह राजपूत (Senior UP Congress leader Surendra Singh Rajput) एक्स पर वीडियो पोस्ट कर लिखा कि लेह में भाजपा मुख्यालय आग के हवाले। उन्होंने लिखा कि लद्दाख पूर्ण राज्य दर्जे की मांग प्रदर्शन में छात्रों ने भाजपा का कार्यालय जला दिया। राजपूत ने कहा कि हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं है भाजपा सरकार तुरंत आंदोलित छात्रों से बात करे।