राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुरुवार को राज्य में हुए दंगों को लेकर बड़ा बयान दिया है। बता दें कि उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि इनकी तैयारी यही है कि आग लगाओ, साथ ही सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि इनको मालूम पड़ गया है कि ये राजस्थान में चुनाव हार रहे हैं। सीएम ने करौली हिंसा को लेकर कहा कि वो इनकी प्रयोगशाला थी, उसी तरह से 7 राज्यों में दंगे हुए। इसकी जांच होनी चाहिए।
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुरुवार को राज्य में हुए दंगों को लेकर बड़ा बयान दिया है। बता दें कि उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा कि इनकी तैयारी यही है कि आग लगाओ, साथ ही सीएम गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कहा कि इनको मालूम पड़ गया है कि ये राजस्थान में चुनाव हार रहे हैं। सीएम ने करौली हिंसा को लेकर कहा कि वो इनकी प्रयोगशाला थी, उसी तरह से 7 राज्यों में दंगे हुए। इसकी जांच होनी चाहिए।
अगर दम है अमित शाह जी के अंदर तो गृह मंत्रालय की एक कमेटी बनाएं, हाईकोर्ट जज हो, सुप्रीम कोर्ट जज हो, कि वास्तव में ये 7 राज्यों में दंगे भड़के करौली के बाद में उसकी जड़ में क्या था? क्या भावना थी? pic.twitter.com/77mIh9bMYL
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) May 5, 2022
केंद्रीय गृह मंत्री (Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) खुली चुनौती देते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि अगर दम है। अमित शाह जी के अंदर, तो गृह मंत्रालय (Home Minister) की एक कमेटी बनाएं, जिसमें हाई कोर्ट जज हों, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जज हों और जांच हो कि वास्तव में करौली के बाद 7 राज्यों में जो दंगे भड़के, उनकी जड़ में क्या था, क्या भावना थी, क्या प्लानिंग थी, तमाम बातें सामने आ जाएंगी और आगे दंगे होने रुक जाएंगे।
करौली में हुई थी हिंसा
बता दें कि करौली में 2 अप्रैल को हिंदू नववर्ष के मौक़े पर हिंदू संगठनों ने बाइक यात्रा निकाली थी। आरोप है कि इस यात्रा में शामिल एक डीजे गाड़ी से कथित तौर पर मुसलमानों को लेकर विवादित गाने बज रहे थे। इसी दौरान कुछ घरों की छतों से यात्रा पर पत्थर फेंके गए और रैली में शामिल लोगों पर लाठियों से हमला किया गया। इसमें कई लोग घायल हो गए।इसके बाद विपक्ष ने राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) को जमकर घेरा।
जोधपुर में भी बवाल
जोधपुर में विवाद की शुरुआत सोमवार देर रात के बाद हुई जब अल्पसंख्यक समुदाय (Minority) के कुछ सदस्य ईद के मौके पर जालोरी गेट के पास एक चौराहे पर धार्मिक झंडे लगा रहे थे। लोगों ने चौराहे पर लगी स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की प्रतिमा पर झंडा लगाया जिसका हिंदू समुदाय (Hindu Community) के लोगों ने विरोध किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन लोगों ने वहां परशुराम जयंती (Parshuram Jayanti) पर लगाए गए भगवा ध्वज को हटाकर इस्लामी ध्वज लगा दिया, इसको लेकर दोनों समुदाय के लोग आमने सामने आ गए और झड़प हो गई। पुलिस ने किसी तरह रात में हालात पर काबू पाया, लेकिन मंगलवार सुबह जालोरी गेट के पास ईदगाह पर ईद की नमाज अदा करने के बाद फिर तनाव बढ़ गया और उस इलाके में पथराव शुरू हो गया, जिसमें कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।