दुनिया में भारत का परचम फहराने वाली बेटियां आज मजबूर हैं। एक महीने से ज्यादा समय तक वो धरने पर बैठीं रहीं। न्याय की आस में धूप-आंधी और बारिश के बीच वो न्याय की उम्मीद लगाए हुए थीं। उनको उम्मीद थी कि देश में उनको न्याय मिलेगा लेकिन ये महज एक सपना ही साबित हुआ। मजबूर होकर महिला पहलवानों ने बड़ा निर्णय लिया और अपने मेडल लेकर हरिद्वार पहुंच गईं।
Wrestlers Protest: दुनिया में भारत का परचम फहराने वाली बेटियां आज मजबूर हैं। एक महीने से ज्यादा समय तक वो धरने पर बैठीं रहीं। धूप-आंधी और बारिश के बीच वो न्याय की उम्मीद लगाए हुए थीं। उनको उम्मीद थी कि देश में उनको न्याय मिलेगा लेकिन ये महज एक सपना ही साबित हुआ। मजबूर होकर महिला पहलवानों ने बड़ा निर्णय लिया और अपने मेडल लेकर हरिद्वार पहुंच गईं। उनका कहना है कि वो मेडल को गंगा जी में प्रभावित करेंगी। गंगा नदी के किनारे बेटियों को मेडल के साथ देख हर किसी के आंखों में आंसू आ गए हैं। मेडल को हाथों में लिए बेटियां भी रो रहीं हैं। ऐसी स्थिति देखकर हम शर्मिंदा हैं और बेटियां की मदद नहीं कर पा रहे हैं।
मौन हो गए हैं अन्य खिलाड़ी
कुछ लोगों का कहना है कि जब देश का नाम रोशन करने वाली बेटियां न्याय के लिए संघर्ष कर रही थीं तो अन्य खेलों के खिलाड़ी मौन थे। एक महीने तक बेटियों ने जंतर मंतर पर संघर्ष किया लेकिन वो उनके समर्थन में एक शब्द नहीं बोले। जनता ने तमाम फिल्म स्टार, खिलाड़ियों और राजनीतिक लोगों को जमीन से आसमान तक पहुंचाया और पूरे देश में ऐसे लोग खामोश हैं। हम इनसे भी शर्मिंदा हैं…जो आज बेटियों के साथ हो रहा है ऐसे में इस गूंगी—बहरी सरकार में सबके साथ ऐसा हो सकता है।
बेटियों के साथ आज देशवासियों के आंखों में भी आंसू
गंगा नदी के किनारे बैठी बेटियां बेबस दिख रही हैं। उनके आंखों से आंसू निकल रहे हैं। ये देख देश की जनता भी रो रही है। किसी को भी यकीन नहीं था कि जिन बेटियों ने देश का नाम रोशन किया, जो हमारे देश की हीरों थीं…आज वो इस स्थिति में हैं और हम कुछ नहीं कर पा रहे हैं।