स्लीप एंग्जाइटी एक ऐसी समस्या है, जिसमें सोने जाने या उसके बारे में सोचने पर डर लगता है। ये बीमारी कुछ लोगों में देखने को मिलता है। इसमें सोने से जुड़ी समस्या और मेंटल हेल्थ का काफी गहरा नाता है। अगर किसी को एंग्जाइटी की परेशानी है तो उनमें स्लीप डिसऑर्डर पाए जाने की आशंका ज्यादा होती है। आइए जानते हैं आज हम इस आर्टिकल में आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
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स्लीप एंग्जाइटी के ये हैं लक्षण
- सोने से पहले अगले दिन के काम का चिंता करना
- उन कामों का डर सताना जो एक दिन पहले न हो पाये
- इस बात का तनाव होना कि क्या उन्हें अच्छी नींद आएगी।
- बार-बार घड़ी की तरफ देखना और परेशान होना कि आखिर उन्हें नींद आने में और कितना वक्त लगेगा।
- इस बारे में सोचना कि आखिर उन्हें नींद क्यों नहीं आ रही।
- नींद न आने के बारे में सोचकर बिस्तर पर जाने से डर लगना।
किस तरह दूर कर सकते हैं यह समस्या
- अपने सोने की आदतों में बदला
- दिन के समय नैप लेने से बचें।
- सोने का एक सुकूनभरा माहौल बनाएं।
- अपने बेडरूम से जितना हो सके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को दूर रखें और सोने के एक घंटे पहले से ही फोन का इस्तेमाल करने से बचें।
- शाम के समय हैवी मील, कैफीन और अल्कोहल लेने से बचें।
एंग्जाइटी और स्लीप डिसऑर्डर का उपचार
एंग्जाइटी: स्लीप एंग्जाइटी को दूर करने के लिए सबसे पहले यह देखना जरूरी होता है कि कहीं इसका संबंध किसी मानसिक समस्या से तो नहीं। अगर कोई एंग्जाइटी की समस्या से गुजर रहा है तो सबसे पहले साइकोथैरेपी कराने की सलाह दी जाती हे। इसके साथ ही एंग्जाइटी को मैनेज करने के लिए दवाएं भी दी जाती हैं।
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स्लीप ट्रीटमेंट: अगर किसी को नींद से जुड़ी परेशानी इन्सोम्निया या अनिद्रा है तो स्लीप एंग्जाइटी का इलाज करने के लिए स्लीप डिसऑर्डर का ट्रीटमेंट किया जाता है। इसमें साइकोथैरेपी के साथ-साथ लाइफस्टाइल में भी बदलाव करने जैसे सुझाव दिए जाते हैं।