कथावाचक जया किशोरी (Narrator Jaya Kishori) अब काफी पॉपुलर हो चुंकीं हैं वो अपने भजनों और कथाओं से लेकर अपने लुक्स तक लोगों को काफी प्रभावित करतीं हैं। उनकी पॉपुलैरिटी केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भी व्याप्त है। सोशल मीडिया पर उनकी लम्बी चौड़ी फॉलोवर्स की लिस्ट मौजूद है।
Jaya Kishori: कथावाचक जया किशोरी (Narrator Jaya Kishori) अब काफी पॉपुलर हो चुंकीं हैं वो अपने भजनों और कथाओं से लेकर अपने लुक्स तक लोगों को काफी प्रभावित करतीं हैं। उनकी पॉपुलैरिटी केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में भी व्याप्त है। सोशल मीडिया पर उनकी लम्बी चौड़ी फॉलोवर्स की लिस्ट मौजूद है। उनकी कथा और भजनों को लोग काफी ध्यान से सुनते हैं। साथ ही उनकी बातों को अपने जीवन में आत्मसात करने की कोशिश भी करते हैं।
जया किशोरी (Jaya Kishori) कई ऐसी बातें सभी को बताती हैं जिससे लोगों को प्रेरणा मिलती हैं। उनकी कथाओं और प्रेरक कहानियों में सीख छुपी होती है जो मनुष्य को अपने जीवन में आगे बढ़ने को प्रेरित करती है। ऐसे ही जया किशोरी (Jaya Kishori) ने सफलता के रास्तों के बारे में भी बताया था। जहाँ आप इस मार्ग पर चलकर जल्द ही सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अक्सर देखा गया है कि लोग हार मान कर गलत रास्ते की ओर अग्रसर हो जाते हैं। जिसे सभी शॉर्टकट कहते हैं। वहीँ शॉर्टकट से मिली सफलता काफी कम समय की होती है। वही अगर आप थोड़ी मेहनत और लगन व धैर्य बढ़ते हैं तो आपकी सफलति भी देर तक टिकती है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि मेहनत के बाद मिली सफलता मिलती भी काफी मुश्किल से है। इसीलिए कहा भी जाता है कि सब्र का फल मीठा होता है।
कथा में जया जी ने अपने अंदाज़ में शुरुआत की जिसमे उन्होंने बताया कि एक मां अपने घर से कुछ दूर पेड़ के नीचे कुछ बच्चों को खेलते हुए देख रही थी। वहीँ पर उसका खुद का बेटा भी खेल रहा था। तभी उसे सब बच्चों पर खूब प्यार आया तो उसने सब बच्चों को चॉकलेट बांट दी। लेकिन थोड़ी ही देर में वही बच्चे कुछ ज़्यादा ही शैतानी और उधम करते हुए शैतानी करने लगे, इसपर उन्हें लगा कि सबको जोर से थप्पड़ लगाना चाहिए। लेकिन दूसरों के बच्चों को कोई कैसे थप्पड़ लगाए तो उन्होंने सोचा कि सिर्फ अपने बेटे को सुधारने के लिए थप्पड़ लगाऊंगी। इस कहानी को सुनते हुए जया किशोरी (Jaya Kishori) ने उन लोगों की बात की जो परेशानियों में घिरने के बाद भगवान से पूछते हैं कि भगवान मैं ही क्यों? इस पर जया जी ने एक सुन्दर कहानी के मध्यान से सभी को समझाया कि भगवान उसी को दिक्कतें और परेशानियां देते हैं जिसे वो अपना बेटा समझते हैं। इसलिए ज़िन्दगी में परेशानियां आएं तो समझ लीजियेगा कि भगवान आपको अपने बेटे की तरह समझाना चाहते हैं और ऐसे में इन चुनौतियों का डटकर सामना करियेगा। किस्मत या किसी और को दोष न देकर खुद को सकारात्मक रखते हुए सभी परेशानियों से निपटने की कोशिश करियेगा।