राहुल गांधी ने कहा दो बातें ऐसी भी हैं जो मुझे अजीब लगती हैं। एक विचार यह है कि इस विधेयक को लागू करने के लिए आपको एक नई जनगणना की आवश्यकता है और दूसरा यह है कि इस विधेयक को लागू करने के लिए आपको एक नए परिसीमन की आवश्यकता है। राहुल गांधी ने कहा, मेरे विचार में, यह काफी सरल है, महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा की 33% सीटें आवंटित करके इस बिल को आज लागू किया जा सकता है।
नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र के तीसरे दिन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, महिला आरक्षण बिल बहुत ही महत्वपूर्ण है और इस बिल को तुंरत लागू करना चाहिए। राहुल गांधी ने इस बिल का समर्थन करते हुए कहा कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण अधूरा रहेगा।
उन्होंने कहा कि, ये बड़ा कदम है लेकिन मेरे लिए ये अधूरा है क्योंकि ओबीसी महिलाओं के एक बड़े हिस्से के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि भारतीय महिलाओं के एक बड़े हिस्से को इस आरक्षण तक पहुंच मिलनी चाहिए और इस विधेयक में यह गायब है।
राहुल गांधी ने कहा दो बातें ऐसी भी हैं जो मुझे अजीब लगती हैं। एक विचार यह है कि इस विधेयक को लागू करने के लिए आपको एक नई जनगणना की आवश्यकता है और दूसरा यह है कि इस विधेयक को लागू करने के लिए आपको एक नए परिसीमन की आवश्यकता है। राहुल गांधी ने कहा, मेरे विचार में, यह काफी सरल है, महिलाओं को लोकसभा और विधानसभा की 33% सीटें आवंटित करके इस बिल को आज लागू किया जा सकता है।
90 में सिर्फ तीन सचिव पिछड़े वर्ग से
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि, इस देश में केंद्र सरकार में 90 सचिव हैं और उनमें से सिर्फ तीन ही अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं और यही पांच फीसदी लोग बजट को कंट्रोल करते हैं। यह ओबीसी समुदाय का अपमान है।
जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कीजिए
लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि, इस देश में कितने ओबीसी, कितने दलित, कितने आदिवासी हैं… इसका जवाब सिर्फ जातिगत जनगणना से मिल सकता है। महिला आरक्षण विधेयक को आज पारित कीजिए और लागू कीजिए। परिसीमन और जनगणना की कोई जरूरत नहीं है। सीधे 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दे दीजिए। आप जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कीजिए। अगर आपने जारी नहीं किए तो हम जारी कर डालेंगे।