आज 17 मई को पूरी दुनिया में वर्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जा रहा है। जब किसी व्यक्ति को ब्लड वेसल्स में प्रेशर सामान्य से अधिक हो जाता है, तब इसे हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन कहा जाता है। यह एक गंभीर बीमारी है इसलिए बीपी की जांच और इसे कंट्रोल करना बहुत जरुरी है।
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अगर हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो डॉ विकास कुमार के अनुसार ब्लड प्रेशर कंट्रोल न हो तो इससे ब्रेन स्ट्रोक, लकवा, हार्ट फेलियर, देखने में दिक्कत और किडनी फेलियर का खतरा हो सकता है। युवाओं में हाइपरटेंशन की समस्या अधिक बढ़ रही है।
तुम blood pressure, मैं पारा हूँ
तुम्हारे उतार-चढ़ाव को मैं देख पा रहा हूं I
बीपी कंट्रोल में ना हो तो इससे ,ब्रेन स्ट्रोक/लकवा, हार्ट फेलियर ,दिखने में समस्या आना, किडनी फेलियर जैसी गंभीर समस्या हो सकती है I
युवाओं में हाइपरटेंशन की समस्या बढ़ रही है ,आज वर्ल्ड हाइपरटेंशन… pic.twitter.com/kzDFcxk8OG— Dr Vikas Kumar (@drvikas1111) May 17, 2024
डॉ विकास कुमार के अनुसार किसी व्यक्ति का नार्मल बीपी नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80, बॉर्डरलाइन 120-129/<80,हाइपरटेंशन स्टेज वन में 130-139/80-89 और हाइपरटेंशन की दूसरी स्टेज में बीपी >140/>90 पहुंच जाता है। जबकि हाइपोटेंशन / लो बी पी <90/<60 होता है।
हाइपोटेंशन के लक्षण
हाई ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति को सिर दर्द, नाक से खून आना, देखने में दिक्कत, हार्ट रेट का बढना, सीने में दर्द और कानों में भनभनाहट की आवाज सुनाई देना है।इसके इसके अलावा उल्टी और मांसपेशियों में कंपन्न होने की दिक्कत होती है।
हाइपरटेंशन होने के प्रमुख कारण –
अधिक धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन करने की वजह से हाइपरटेंशन की दिक्कत होती है। इसके अलावा अनियमित जीवन शैली और कुछ भी अनाप शनाप खा लेने की आदत भी इसका मुख्य कारण है। फास्ट फूड, अनहेल्दी डाइट ,सेडेंटरी लाइफ़स्टाइल( एक्सरसाइज के कमी) के कारण मोटापा और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना जो हाइपरटेंशन के रिस्क को बढ़ाता है। अत्यधिक स्ट्रेस और तनाव की वजह से भी हाइपरटेंशन होने लगती है।
हाइपरटेंशन से बचाने के उपाय
1. कम सोडियम/नमक लें जो स्टेज 1 उच्च रक्तचाप में बेहद मददगार है।लगभग 3-6 पॉइंट रक्तचाप को कम करता है।
2. वजन कम करें और इसे बनाए रखें। लगभग 20 पौंड वजन में कमी से रक्तचाप को लगभग 10 से 20 पॉइंट तक कम किया जा सकता है।
3.अल्कोहल का सेवन कम करें- इससे ब्लड प्रेशर में 2–4 mmHg की कमी पाया गया है।
4.योग, प्राणायाम और व्यायाम जैसे एक्सरसाइज को नियमित रूप से करें। इसने रक्तचाप 5 से 8 मिमी एचजी तक कम होता है।
5. धूम्रपान छोड़ना- दोनों सिस्टोलिक और डायस्टोलिक उच्च रक्तचाप की सीमा को कम करने पर बड़ा प्रभाव डालता है।
6. स्ट्रेस/ तनाव कम लें।