व्रतों में श्रेष्ठ माघ प्रदोष व्रत का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। प्रदोष व्रत के बारे में धर्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से शिव भगवान की कृपा प्राप्त होती।
Magh Pradosh Vrat 2022 : व्रतों में श्रेष्ठ माघ प्रदोष व्रत का सनातन धर्म में बहुत महत्व है। प्रदोष व्रत के बारे में धर्मिक मान्यता है कि इस व्रत को करने से शिव भगवान की कृपा प्राप्त होती। भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत का पालन भक्त गण निराहार और निर्जल रह करते है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष के दिन भगवान शिव की पूजा और दान का विशेष महत्व है।इस दिन देवों के देव महादेव और माता-पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।
हिंदू पंचांग के मुताबिक 2022 के माघ मास का अंतिम प्रदोष व्रत 14 फरवरी को होने वाला है, इस दिन सोमवार है।इस बार प्रदोष व्रत की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 14 फरवरी की शाम 6 बजकर 10 मिनट से रात्रि 8 बजकर 28 मिनट तक होने वाला है।
प्रदोष व्रत वाले दिन शुभ मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्र पहनकर भगवान शिव को जल अर्पित करना चाहिए और फिर फल, फूल, धूप, दीप, अक्षत, दूध, दही, भांग, धतूरा और पंचामृत आदि प्रभु को अर्पित करना चाहिए। आप इस दिन शिव चालीसा का पाठ और शिव मंत्र का जाप भी जरूर ही करें।