पहलवानों के हिरासत में लिए जान के लिए पुलिस ने जंतर-मंतर पर लगे पहलवानों के सभी तंबू को उखाड़ दिया है। कुछ समय में सभी टेंट व गद्दे हटा दिए गए। साथ ही वाहनों में सभी सामान को भरवाकर यहां से हटा दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई पर पहलवानों ने भी सवाल खड़े किए हैं।
Wrestlers Protest: दिल्ली के जंतर-मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे पहलवानों और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। पहलवानों के हिरासत में लिए जाने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया। कांग्रेस के राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस घटना की निंदा की हैं वहीं पहलवानों का समर्थन कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत गाजियाबाद बॉर्डर पर अपनी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
उधर, पहलवानों के हिरासत में लिए जान के लिए पुलिस ने जंतर-मंतर पर लगे पहलवानों के सभी तंबू को उखाड़ दिया है। कुछ समय में सभी टेंट व गद्दे हटा दिए गए। साथ ही वाहनों में सभी सामान को भरवाकर यहां से हटा दिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई पर पहलवानों ने भी सवाल खड़े किए हैं।
हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है.
पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे
इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा. 🙏
पढ़ें :- BJP नेता बबीता फोगाट को बृजभूषण के पद का था लालच, इसलिए पहलवानों को उकसाया; साक्षी मलिक का सनसनीखेज दावा
— Sakshee Malikkh (@SakshiMalik) May 28, 2023
साक्षी मलिक (Sakshi Malik) ने ट्वीट कर लिखा है कि, ‘हमारा आंदोलन खत्म नहीं हुआ है। पुलिस हिरासत से छूटकर हम वापस जंतर मंतर पर अपना सत्याग्रह शुरू करेंगे। इस देश में अब तानाशाही नहीं, बल्कि महिला पहलवानों का सत्याग्रह चलेगा’।
खाली करवाया गया धरना स्थल
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के धरना स्थल को पूरी तरह से खाली करवा दिया गया है। सभी पहलवानों व अन्य को हिरासत में लिए जाने के बाद धरना स्थल पर कोई नहीं था, उसी दौरान दिल्ली पुलिस के जवानों ने यहां से टेंट, पंडाल, गद्दा, कूलर और सभी प्रबंध हटा दिए। साथ ही इस स्थान पर रखे सामान को भी दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। इस धरना स्थल पर पिछले 36 दिनों से बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश, संगीता फोगाट सहित अन्य पहलवान प्रदर्शन कर रहे थे। उनके समर्थन में काफी लोग जुट रहे हैं।