भारतीय वैज्ञानिकों को अंटार्कटिका में पौधों की नई प्रजाति की खोजने में सफलता मिल ही गई है। भारत ने चार दशक पहले अंटार्कटिका में अपने पहले रिसर्च सेंटर की स्थापना की थी।
नई दिल्ली: भारतीय वैज्ञानिकों को अंटार्कटिका में पौधों की नई प्रजाति की खोजने में सफलता मिल ही गई है। भारत ने चार दशक पहले अंटार्कटिका में अपने पहले रिसर्च सेंटर की स्थापना की थी। भारतीय वैज्ञानिकों ने इस पौधे को देवी मां का नाम दिया है। अंटार्कटिका की पर खेजे गए पौधे के नाम को भारतीय परंपरानुसार भगवती’ का नाम दिया गया। भारतीय वैज्ञानिकों ने पौधों की इस नई प्रजाति का नाम ‘भारती’ रखा है। जबकि, पौधों की इस नई प्रजाति का वैज्ञानिक नाम ब्रायम भारतीएंसिस नाम दिया गया है।
2016-17 के बीच, पंजाब सेंट्रल यूनिवर्सिटी के ध्रुवीय बायोलॉजिस्ट इंडियन-आर्कटिक मिशन पर गए थे और तभी एसोसिएट प्रोफेसर और वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रमुख फेलिक्स बास्ट ने लार्समैन हिल्स में भारती स्टेशन के पास चट्टानों पर एक नई पौधों की प्रजाति को देखा।
नई प्रजाति पर रिसर्च रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि ये पौधा मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में उगती है, जहां पेंगुइन बड़ी संख्या में प्रजनन करते हैं। इसके पीछे पेंगुइन का मल त्यागना माना गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पेंगुइन के मल में नाइट्रोजन होता है, जिसकी वजह से इन पौधों को विकसित होने में मदद मिलती है।