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बिहार के संगीतकार महेंन्द्र मिश्र पर जल्द ही बनने जा रही है बायोपिक

आजादी की लडाई में अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देने वाले महेन्द्र मिश्र आज पहचान के मोहताज नहीं है । अंगुली में डसले बिया नगीनिया हो सइयां के बुलाई द जैसे पूरबी धुन के गीतों को लिखने वाले पंडित महेंद्र मिश्र का नाम सिर्फ एक गीतकार ही नहीं बल्कि बहुत बड़े संगीतज्ञ के तौर पर भी चर्चित रहा है। उनके गीतों की धुनें आज भारत ही नही बल्कि फिजी, मारिशस, सूरीनाम, नीदरलैंड, त्रिनिदाद, गुयाना तक में मशहूर हैं। निर्देशक रंजन सिंह जल्द ही महेंद्र मिश्र की बायोपिक बनाने जा रहे है।

By प्रिन्सी साहू 
Updated Date

आजादी की लडाई में अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देने वाले महेन्द्र मिश्र आज पहचान के मोहताज नहीं है । अंगुली में डसले बिया नगीनिया हो सइयां के बुलाई द जैसे पूरबी धुन के गीतों को लिखने वाले पंडित महेंद्र मिश्र का नाम सिर्फ एक गीतकार ही नहीं बल्कि बहुत बड़े संगीतज्ञ के तौर पर भी चर्चित रहा है। उनके गीतों की धुनें आज भारत ही नही बल्कि फिजी, मारिशस, सूरीनाम, नीदरलैंड, त्रिनिदाद, गुयाना तक में मशहूर हैं। निर्देशक रंजन सिंह जल्द ही महेंद्र मिश्र की बायोपिक बनाने जा रहे है।

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अंग्रेजी हुकूमत को दी चुनौती
महेंद्र मिश्र ने आजादी के लड़ाई में अंग्रेजी हुकूमत को चुनौती देने वालों को नोट छाप आर्थिक मदद कर अपनी एक अलग ही पहचान बनाई थी। देश की आजादी के लिए उन्होंने हर कदम देश का साथ दिया ।

निर्देशक रंजन सिंह बनाएगें बायोपिक
निर्देशक रंजन सिंह ने महेंद्र मिश्र की बायोपिक बनाने का जिम्मा उठाया है। निर्देशक रंजन सिंह ने बातचीत के दौरान बताया कि महेंद्र मिश्र की बायोपिक की तैयारी चल रही है और जल्द ही वह इस फिल्म पर काम शुरू करेंगे। महेंद्र मिश्र का भोजपुरी भाषा के उन्नयन में वही स्थान है जो हिंदी के उन्नयन में भारतेंदु हरिश्चन्द्र की रचनाओं का है। बिडम्बना यह है कि उनका पहला महाकाव्य महेंद्र अपूर्व संगीत रामायण तक कायदे से प्रकाशित नहीं हो सका। उनके परिजनों को आज भी भरोसा है कि अगर इनकी पांडुलिपियों का प्रकाशन हो जाए तो इनकी ख्याति बढ़ जाएगी।

छोटे पर्दे पर बनी बडी पहचान
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से डिप्लोमा करने के बाद रंजन सिंह ने शेखर कपूर की फिल्म बैंडिट क्वीन से सहायक निर्देशक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। निर्देशक रंजन सिंह छोटे पर्दे के जाने माने निर्देशक है। रंजन सिंह को सबसे बड़ा मौका संजय खान के धारावाहिक जय हनुमान में मिला। इस धारावाहिक में रंजन सिंह पहले सहायक निर्देशक के तौर पर जुड़े और बाद में संजय खान उनके काम से प्रभावित होकर निर्देशन की जिम्मेदारी उनको सौंप दी।

93 धारावाहिकों का कर चुके निर्देशन
निर्देशक रंजन सिंह ने करीब 93 धारावाहिकों का निर्देशन किया है । जिनमे एकता कपूर के सीरियल भी हैं। इन दिनों रंजन सिंह एकता कपूर का शो ‘बेकाबू’ निर्देशित कर रहे हैं। अब तक वह ये हैं चाहतें, स्वराज, कांटेलाल एंड सन्स, नागिन’ कवच 2, प्यार की कसौटी, विघ्नहर्ता गणेश, बेवफा से वफा,थपकी प्यार की, महाराणा प्रताप, मेरी आशिकी तुमसे है, कुमकुम भाग्य आदि जैसे कई धारावाहिकों का निर्देशन कर चुके हैं।

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खुद को शिक्षक मनाते है
रंजन सिंह खुद को शिक्षक मानते है। वह नए नए कलाकरों के साथ काम करने को हमेशा उत्सुक रहते हैं और उनकी पूरी कोशिश रहती है कि वह नए कलाकारों को बेहतर तरीके से सिखाके उनके अंदर के कलाकार को उभार दें। महेंद्र मिश्र की बायोपिक को लेकर रंजन सिंह ने कहा कि इस पर काफी समय से तैयारी चल रही है, जल्द ही इसकी आधिकारिक रूप से घोषणा करेंगे।

 

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