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Titanic का मलबा देखने गए 5 अरबपतियों ने गंवाई जान! लापता पनडुब्बी के हुए टुकड़े, नहीं मिली लाश

पिछले दिनों मशहूर टाइटैनिक जहाज के मलबे (Titanic Shipwreck) को देखने के लिए 13,000 फुट नीचे समुद्र में गई टाइटन पनडुब्बी (Titan Submarine) लापता हो गयी थी, टाइटन पनडुब्बी में पांच अरबपति सवार थे। पनडुब्बी से संपर्क टूटने के बाद उसकी तलाश की जा रही थी।

By Abhimanyu 
Updated Date

नई दिल्ली। पिछले दिनों मशहूर टाइटैनिक जहाज के मलबे (Titanic Shipwreck) को देखने के लिए 13,000 फुट नीचे समुद्र में गई टाइटन पनडुब्बी (Titan Submarine) लापता हो गयी थी, टाइटन पनडुब्बी में पांच अरबपति सवार थे। पनडुब्बी से संपर्क टूटने के बाद उसकी तलाश की जा रही थी। वहीं, अब पनडुब्बी के मलबे मिला है, जिसके बाद पनडुब्बी में सवार सभी 5 लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टाइटन पनडुब्बी के मलबे की खोज कनाडा (Canada) के जहाज पर तैनात एक रोबोट के जरिए हो पाई है। जांच में पता चला है कि पनडुब्बी में एक विस्फोट हुआ, जिसके बाद यह हादसा हुआ। टाइटैनिक टूरिज्म पर ओशनगेट (OceanGate) कंपनी की टाइटन पनडुब्बी 18 जून को निकली थी। लेकिन शुरुआती कुछ घंटों में ही संपर्क टूट गया। जिसके बाद किसी हादसे की आशंका जताई जा रही थी।

बताया जा रहा है कि पनडुब्बी में अरबपति कारोबारी और ओशनगेट कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश (Stockton Rush, CEO of Oceangate Company), पाकिस्तानी मूल के अरबपति शहजादा दाऊद (Pakistani-born Billionaire Prince Dawood), उनके बेटे सुलेमान दाऊद (Suleman Dawood), पॉल हेनरी नार्जियालेट (Paul Henri Nargialet) और हामिश हार्डिंग (Hamish Harding) सवार थे। लंबे समय तक चले खोज अभियान के बाद पनडुब्बी के मलबे का पता लगाया जा सका। इस हादसे में मारे गए लोगों को ओशनगेट ने बयान जारी कर श्रद्धांजलि दी है।

बता दें कि 15 अप्रैल, 1912 को दुनिया की सबसे बड़ी समुद्री आपदा घटित हुई थी। जब टाइटैनिक (Titanic) नाम का दुनिया का सबसे बड़ा भाप इंजन से चलने वाला जहाज डूब गया था, जिसमें 1573 लोगों की मौत हो गई थी। यह ब्रिटिश जहाज उत्तरी प्रशांत महासागर में डूबने से पहले 10 अप्रैल को साउथम्पटन के तट से रवाना हुआ था और उसे अमेरिका के न्यूयॉर्क सिटी तक जाना था। हादसे के बाद टाइटैनिक टूरिज्म पर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ये लोग मलबा देखने के लिए समुद्र में इतने गहरे तक क्यों जाना चाहते थे।

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