अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का हर मोर्चे विरोध कर रहे पंजशीर के शेर (Lions of Panjshir) विद्रोही नेता अहमद मसूद (Ahmed Masood) वहां अमन की आखिरी उम्मीद हैं। तालिबान पंजशीर (Panjshir) पर कब्जे का दावा कर रहा है। वहीं, विद्रोही संगठन नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट यानी NRF ने तालिबान के दावे को गलत बताया है।
काबुल : अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का हर मोर्चे विरोध कर रहे पंजशीर के शेर (Lions of Panjshir) विद्रोही नेता अहमद मसूद (Ahmed Masood) वहां अमन की आखिरी उम्मीद हैं। तालिबान पंजशीर (Panjshir) पर कब्जे का दावा कर रहा है। वहीं, विद्रोही संगठन नेशनल रेसिस्टेंस फ्रंट यानी NRF ने तालिबान के दावे को गलत बताया है। NRF ने कहा है कि पंजशीर पर तालिबान के कब्जे की बात गलत है। हमारे लड़ाके पंजशीर के हर कोने में मौजूद हैं।
Taliban’s claim of occupying Panjshir is false. The NRF forces are present in all strategic positions across the valley to continue the fight. We assure the ppl of Afghanistan that the struggle against the Taliban & their partners will continue until justice & freedom prevails.
— National Resistance Front of Afghanistan (@nrfafg) September 6, 2021
खबरों के अनुसार, एनआरएफ ने कहा है कि अहम चौकियों पर अभी भी हमारे कमांडर तैनात हैं। इसके साथ ही पंजशीर घाटी में अलग अलग जगहों पर भी हमारे लड़ाके तैनात हैं। लड़ाई अभी जारी है। NRF ने उम्मीद जताई है कि अफगानिस्तान के लोग इस लड़ाई को जारी रखेंगे।
खबरों के मुताबिक, तालिबान का कहना है कि उसने पंजशीर प्रांत पर भी पूरी तरह कब्जा कर लिया है। इसके साथ-साथ रजिस्टेंस फोर्स (NRF) यानी नॉर्दन अलायंस के चीफ कमांडर सालेह मोहम्मद (Saleh Mohammad) की भी मौत का भी दावा किया गया है। तालिबान के मुख्य प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा, ‘इस जीत से हमारा देश पूरी तरह से युद्ध के दलदल से बाहर निकल गया है।’