शहर के एक निजी हॉस्पिटल में ढाई साल के बच्चे के जीभ के ऑपरेशन की जगह प्राइवेट पार्ट (खतना) ऑपरेशन करने का मामला सामने आया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Uttar Pradesh Deputy CM Brajesh Pathak) ने बरेली के सीएमओ (CMO) को एक टीम बनाकर जांच कराने के आदेश दिया था।
बरेली। शहर के एक निजी हॉस्पिटल में ढाई साल के बच्चे के जीभ के ऑपरेशन की जगह प्राइवेट पार्ट (खतना) ऑपरेशन करने का मामला सामने आया था। इस मामले में उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Uttar Pradesh Deputy CM Brajesh Pathak) ने बरेली के सीएमओ (CMO) को एक टीम बनाकर जांच कराने के आदेश दिया था। सोमवार को बरेली सीएमओ ने हॉस्पिटल का लाइसेंस अग्रिम आदेशों तक निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई के बाद हॉस्पिटल में ओपीडी बंद (OPD Closed)रहेगी। साथ ही किसी भी मरीज को भर्ती नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही जांच के पूरी होने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बारादरी थाना (Baradari Police Station) क्षेत्र के एमए. खान हॉस्पिटल (M.A. Khan Hospital) के डॉक्टर पर ढाई साल के मासूम बच्चे के पिता ने जीभ के ऑपरेशन की जगह खतना करने का शुक्रवार को आरोप लगाया था। हिंदू बच्चे का मुस्लिम हॉस्पिटल में खतना के आरोप के बाद हिंदू संगठन के लोगों ने जमकर हंगामा किया। लोगों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की करने लगे थे। वहीं, डिप्टी सीएम ने इस मामला का संज्ञान लेते हुए शनिवार को ही बरेली के सीएमओ डॉ. बलबीर सिंह (CMO of Bareilly Dr. Balbir Singh) ने स्वास्थ्य विभाग (Health Department)के एसीएमओ (ACMO) सहित डॉक्टरों की एक टीम बनाकर पूरे प्रकरण की जांच करने के आदेश दिए। इस मामले में 4 सदस्यीय टीम पूरे मामले की जांच में जुटी हुई थी। जिसके बाद 4 सदस्यीय टीम ने हॉस्पिटल के डॉक्टर और अन्य स्टाफ के बयान दर्ज किए।
साथ ही बच्चे के पिता का भी बयान दर्ज किया गया। शिकायत सही पाए जाने पर अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया गया। बरेली के सीएमओ (CMO) ने बताया कि खान हॉस्पिटल में एक बच्चे को परिजन इलाज के लिए भर्ती किए थे। परिजनों के अनुसार उन्होंने बच्चे की जीभ का ऑपरेशन करने के लिए दिखाया था। लेकिन हॉस्पिटल में बच्चे का खतना कर दिया गया। अस्पताल के सभी अभिलेख चेक करने पर उसमें ऑपरेशन हॉस्पिटल के द्वारा ही किया पाया गया। इसमें कहीं ना कहीं गलतफहमी पैदा हुई है। इस मामले में हॉस्पिटल का लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया है। जांच में दोषी पाए जाने पर डॉक्टर के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी।