समाजवादी पार्टी को भले ही इस विधानसभा चुनाव ने निराशा हाथ लगी हो लेकिन सीटों की संख्या और वोट प्रतिशत में इज़ाफ़ा हुआ है। इस बात से सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव थोड़े संतुष्ट ज़रूर हैं।
चुनाव से ठीक पहले उसके साथ आए स्वामी प्रसाद मौर्य समेत अन्य नेताओं के कारण यह बढ़त मिली है। ऐसा भी लोग कह रहे हैं लेकिन सरकार बनाने का दंभ भरने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या खुद अपना चुनाव हार गये। इस सब के बावजूद अखिलेश यादव उन्हें सदन भेजने की पुरज़ोर कोशिश में लगे है।
इसी लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव करहल विधानसभा सीट से इस्तीफा देकर आजमगढ़ की सांसदी अपने पास रखेंगे। अखिलेश के इस्तीफे के बाद करहल सीट पर होने वाले उपचुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य को उतारा जाएगा। रविवार को अखिलेश और स्वामी प्रसाद मौर्य ने मुलाकात की और इस पर चर्चा भी हुई।
ग़ौरतलब है कि अखिलेश यादव ने करहल सीट 67,000 से अधिक मतों से जीती है। मौर्य ने चुनाव से पहले कैबिनेट मंत्री और भाजपा की सदस्यता छोड़कर सपा में प्रवेश किया था। स्वामी प्रसाद को कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से मैदान में उतारा गया था लेकिन वह चुनाव हार गए थे। स्वामी ने जब सपा का दामन थामा था तब वे भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने का दावा करते थे लेकिन नतीजे आने के बाद उनके बोल बदल गये।