अखिलेश यादव ने कहा कि बेरोजगार, नौजवानों को नौकरी नहीं, मिल रही। पुरानी पेंशन बहाल हो और शिक्षा को जिस तरह से प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है, ऐसे में यह सम्भव ही नहीं कि गरीब पढ़ पाएं। प्राइमरी, सेकेण्डरी, हायर सेकेण्डरी, इंटर, मेडिकल कॉलेजों में कैसे गरीब पढ़ पाएगा? शिक्षा में जिस तरह का व्यापार चल रहा है, उसे रोका जाए। इन तमाम सवालों को लेकर यह यात्रा निकल रही है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार पार्टी के राज्य मुख्यालय लखनऊ से पीडीए को मजबूत करने के लिए समाजवादी सामाजिक न्याय यात्रा को झंडा दिखाकर रवाना किया। पीडीए समाजवादी सामाजिक न्याय यात्रा सीतापुर, लखीमपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, बरेली, बदायूं, सम्भल, मुरादाबाद, अमरोहा, हापुड़, गाजियाबाद, मेरठ, शामली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर से जन सम्पर्क करते हुए बिजनौर में इसका समापन होगा। इस यात्रा का नेतृत्व नूरपुर (बिजनौर) विधानसभा के विधायक रामअवतार सिंह सैनी कर रहे हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि बेरोजगार, नौजवानों को नौकरी नहीं, मिल रही। पुरानी पेंशन बहाल हो और शिक्षा को जिस तरह से प्राइवेट हाथों में दिया जा रहा है, ऐसे में यह सम्भव ही नहीं कि गरीब पढ़ पाएं। प्राइमरी, सेकेण्डरी, हायर सेकेण्डरी, इंटर, मेडिकल कॉलेजों में कैसे गरीब पढ़ पाएगा? शिक्षा में जिस तरह का व्यापार चल रहा है, उसे रोका जाए। इन तमाम सवालों को लेकर यह यात्रा निकल रही है।
उन्होंने कहा कि आज लोकतंत्र विरोधी ताकतें सक्रिय हैं। बाबा साहब डॉ0 भीमराव अम्बेडकर के समतामूलक सिद्धांत और समाजवादी डॉ0 राममनोहर लोहिया के सिद्धांतों और विचारधारा के साथ नेताजी मुलायम सिंह यादव के संघर्ष और समाजवादी उपलब्धियों को लेकर सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़कर उनका हक और सम्मान दिलाना है। अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ पूंजीपतियों ने देश की सम्पत्ति पर कब्जा कर रखा है। 5 प्रतिशत उद्योगघरानों ने देश की 60 प्रतिशत सम्पत्ति पर कब्जा जमा लिया है। आर्थिक और सामाजिक विषमता की सच्चाई से सभी को अवगत कराना है। जिससे यह बढ़ी हुई सामाजिक और आर्थिक असमानता को कम किया जा सके।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी डॉ0 राममनोहर लोहिया की दाम बांधो नीति को अपनाने पर बल देती है। किसानों को फसलों पर मुनाफा मिले। खेती के काम में आने मशीनरी यंत्र और खाद-बीज, कीटनाशक दवाओं पर टैक्स नहीं होना चाहिए। बिजली पानी निःशुल्क होना चाहिए। खेती किसानी सबसे घाटे में है।