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अखिलेश यादव, बोले-कुंठित मानसिकता से कोरोना से जंग लड़ रही योगी सरकार

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार कुंठित मानसिकता के साथ कोरोना और ब्लैक फंगस महामारी से लड़ाई लड़ रही है।उन्होंने कहा कि सरकार की विफलताओं के चलते शहर हो या गांव हर जगह लोग शारीरिक, मानसिक और आर्थिक यंत्रणाओं से तप रहे हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार कुंठित मानसिकता के साथ कोरोना और ब्लैक फंगस महामारी से लड़ाई लड़ रही है।

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उन्होंने कहा कि सरकार की विफलताओं के चलते शहर हो या गांव हर जगह लोग शारीरिक, मानसिक और आर्थिक यंत्रणाओं से तप रहे हैं। जनता को भ्रमित करने के लिए ‘जहां बीमार, वही उपचार‘ के खोखले नारे औचित्यहीन हैं क्योंकि कहीं भी उपचार की सुचारू व्यवस्था नही है। आधी अधूरी तैयारी और बेमन से टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री को इस महामारी के दौर में भी लोगों की जिंदगी बचाने के लिए संपूर्ण प्रशासनिक और स्वास्थ्य मशीनरी में तालमेल बिठाने और उपचार की फूलप्रूफ व्यवस्था के इंतजाम की जगह राजनीतिक पर्यटन में ज्यादा रुचि है। अपने कार्यकाल में द्वेषवश सैफई की घोर उपेक्षा करने के बाद अब उन्हें सैफई की सुध आई है। वहां जाने में देरी उनकी मजबूरी का संकेत है। क्या उन्हें नहीं पता कि सैफई सहित राज्य में कही भी चिकित्सा की सुविधाओं पर उनकी भाजपा सरकार ने ध्यान नहीं दिया जिसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। सरकार ने सैफई में स्वास्थ्य सेवाओं का बजट काट दिया था और विस्तार के काम रोक दिए थे।

समाजवादी सरकार के समय लखनऊ में कैंसर अस्पताल बना, ट्रामा सेंटर बना, जौनपुर, अयोध्या, सीतापुर, झांसी, आजमगढ़, बदायूं, लखीमपुरखीरी, प्रतापगढ़, गाजीपुर, उन्नाव, बांदा, सहारनपुर आदि जनपदों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए। स्वास्थ्य परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में तमाम संसाधन बढ़ाए गए। अस्पतालों में डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ की बड़े पैमाने पर भर्ती हुई। भाजपा सरकार ने इन सबकी उपेक्षा की और बदले की भावना से इनका भरपूर इस्तेमाल करने में परहेज करती रही।

10 लाख टीकाकरण में वैसे भाजपा सरकार से ज्यादा उम्मीद की भी नहीं जा सकती है। राज्य सरकार का यूपी के प्रथम आने का दावा सत्य से परे है। सच्चाई यह है कि अभी तक दूसरे डोज में 33 लाख को ही वैक्सीन दी जा सकी है। यह तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का आंकड़ा है कि उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों से भी टीकाकरण में पीछे है। प्रदेश में कुल 6,260 स्थानो पर ही टीकाकरण हो रहा है। सरकार अपनी विफलता छुपा रही है। इस रफ्तार से वह दीवाली तक वैक्सीन का लक्ष्य कैसे पूरा कर पाएगी?

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समाजवादी पार्टी का स्पष्ट मत है कि कोरोना और ब्लैक फंगस जैसी बीमारियों को इलाज प्राथमिकता के आधार पर हो, यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। संक्रमण से बचाव में टीकाकरण की उपयोगिता को देखते हुए दिवाली तक सभी प्रदेशवासियों को निःशुल्क वैक्सीन लग जानी चाहिए। भाजपा सरकार यदि इसमें विफल साबित होती है और अपने दायित्व का निर्वहन नहीं कर पाती है तो अगले सन् समाजवादी सरकार बनने पर सभी को फ्री वैक्सीन लगाई जाएगी।

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