पिछले लॉकडाउन से सर्राफा कारोबारी अभी ठीक से उबर भी नहीं पाये थे। इसी बीच कोरोना—19 की दूसरे लहर के बीच लगे लॉकडाउन ने एक बार फिर बड़ा झटका दे दिया है। अक्षय तृतीया और ईद त्यौहार होने के बावजूद सोने चांदी की मांग और खरीद काफी कम रही है।
नई दिल्ली। पिछले लॉकडाउन से सर्राफा कारोबारी अभी ठीक से उबर भी नहीं पाये थे। इसी बीच कोरोना—19 की दूसरे लहर के बीच लगे लॉकडाउन ने एक बार फिर बड़ा झटका दे दिया है। अक्षय तृतीया और ईद त्यौहार होने के बावजूद सोने चांदी की मांग और खरीद काफी कम रही है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए विभिन्न राज्यों में लगाये गये लॉकडाउन की वजह से एक अनुमान के मुताबिक करीब 10 हजार करोड़ रुपये का सोने चांदी का कारोबार नहीं हो सका। कुछ राज्यों में जहां बाजार खुले है वहां भी कोरोना के भय की वजह से लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। कारोबार ठप होने की वजह से सोना चांदी और आभूषण के व्यापारी बेहद निराश और मायूस हैं। बता दें कि देश भर में करीब 4 लाख से अधिक सोने और आभूषण के व्यापारी है।
अक्षय तृतीया में लोग सोने चांदी और आभूषण की करते हैं खरीदारी
पौराणिक हिन्दू मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया को हर शुभ और मांगलिक कार्यों को करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा होती है । इस दिन शुभ फल की प्राप्ति के लिए सोने की वस्तुएं खरीदने का चलन सदियों से चलता आ रहा हैं। अगर सोना खरीदना संभव न हो तो लोग अपनी क्षमतानुसार किसी अन्य धातु से बनी चीजे भी खरीदारी करते हैं । वर्ष में केवल अक्षय तृतीया को सूर्य और चंद्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि मे होते हैं। इसलिए ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोना खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है। सम्पूर्ण भारत वर्ष में विशेष कर दक्षिण भारत मे लोग ज्वैलरी, बुलियन और सिक्को के रूप में सोना खरीदने में खासी रूचि लेते हैं। साथ ही इस दिन क्योंकि शादी विवाह का लग्न भी अधिक होता है ,इसलिए भी आज के दिन सोने की खरीदारी की जाती है।
सोने चांदी और रत्न व आभूषण के व्यापारियों ने कही ये बात
देश के ज्वेलरी व्यापार के शीर्ष संगठन आल इण्डिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फ़ेडरेशन (एआईजेजीऍफ़) के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोरा ने बताया की देश के अधिकांश हिस्से में लॉकडाउन की वजह से सोने व ज्वेलरी के व्यापारियों की दुकानें और बाजार पूरे तौर पर बंद रहीं। जिसके कारण आज देश भर में सोने और ज्वेलरी का करीब 10 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हो नहीं पाया। उन्होंने कहा है कि देश में धनतेरस के बाद अक्षय तृतीया दूसरा सबसे ज्यादा सोने की खरीद वाला त्योहार माना जाता है। किन्तु कोरोना की वजह से लगातार दूसरे वर्ष अक्षय तृतीया पर सोने की खरीद में लगभग न के बराबर हुई।
पिछले तीन अक्षय तृतीया त्यौहारों में ऐसा रहा कारोबार
साल 2019 में अक्षय तृतीया पर ही देश में सोने और ज्वेलरी का व्यापार करीब 10 हजार करोड़ रुपये का हुआ था। उस वक्त सोने का भाव लगभग 35 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था। वहीं साल 2020 में अक्षय तृतीया पर मई माह में भी लॉक डाउन रहने की वजह से देश में केवल करीब 980 करोड़ रुपये का सोने का व्यापार हुआ था। और उस समय सोने का भाव लगभग 52 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम था। आज जब देश में सोने का भाव लगभग 49 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम है और बावजूद इसके 20 टन सोने का व्यापार आज नहीं हो पाया। व्यापारियों की चिंता इस बात को लेकर है कि कोरोना से उपजी परिस्थितियाँ कब सामान्य होंगी और कब व्यापार खुलेगा? और अगर व्यापार खुलता है तो फिर न जाने कितना समय लगेगा व्यापार को व्यवस्थित करने में?