लखनऊ: प्रदेश सरकार द्वारा एक साल पहले शुरू किया गया आरोग्य मेला, देश का पहला ऐसा मेला है, जिसमें अब तक 36,66,324 रोगियों का इलाज किया गया है। इसमें न सिर्फ लोगों को इलाज मिल रहा है, बल्कि उन्हें जांच की सुविधाओं के साथ निशुल्क दवाईयां भी मिल रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल मुख्यमंत्री आरोग्य मेले की शुरूआत की थी। इस दौरान सात मेले लगे थे, जिसमें 31 लाख 36 हजार लोगों का उपचार किया गया और चिह्नित 32,425 कुपोषित बच्चों को विभिन्न योजनाओं के तहत पोषित भी बनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 76,063 रोगियों को बेहतर उपचार के लिए उच्चतर चिकित्सा संस्थानों में रेफर किया गया और आयुष्मान भारत योजना के तहत 2,30,890 लोगों को गोल्डन कार्ड भी दिए गए। कोविड काल में इस मेले को स्थगित करना पड़ा था। 10 जनवरी से फिर आरोग्य मेले की शुरुआत हुई। प्रदेश में अब तक लगे नौ मेलों में 86,172 गंभीर रोगियों को उच्च केंद्रों में इलाज के लिए भेजा गया। इसके अलावा 2,78,707 गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं।
सचिव-स्वास्थ्य हेकाली झिमोमी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी का स्पष्ट निर्देश है कि आरोग्य मेले का लगातार आयोजन कर ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य लाभ दिया जाए। हम इसका अनुपालन सुनिश्चित करना है।
17 जनवरी को लगे नौवें मेले का आयोजन सुबह 10 से दो बजे तक किया गया था। इसमें महज चार घंटे में दो लाख 67 हजार 563 रोगियों का इलाज किया गया। इसमें 99,501 पुरुष, 1,27,997 महिलाएं, 40,065 बच्चों का इलाज किया गया। इसमें 3922 गंभीर रोगियों को उच्च चिकित्सालयों में उपचार के लिए भी भेजा गया। साथ ही 23,010 गोल्डन कार्ड वितरित किए गए। मेले में 8608 चिकित्सक, 19,321 पैरा मेडिकल और 16,701 आईसीडीएस स्टाफ ने अपनी सेवाएं दीं।
कोरोना महामारी पर नियंत्रण के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में फिर से 34 सौ से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ‘मुख्यमंत्री आरोग्य मेला’ की शुरूआत कर दी गई है। अब 10 जनवरी से प्रदेश के सभी शहरी और ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर हर रविवार सुबह 10 से अपराह्न 04 बजे तक मेले का आयोजन किया जा रहा है।