पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है । दीदी ने कहा कि ओवैसी चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचा रहे हैं। कूचबिहार जिले के दिनहाटा में संबोधित करते हुए दीदी ने कहा कि एक शख्स हैदराबाद से बंगाल में चुनाव लड़ने आए हैं। ममता ने कहा कि उन्होंने (ओवैसी) भाजपा से पैसे लिए हैं ।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कूचबिहार में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधा है । दीदी ने कहा कि ओवैसी चुनाव में भाजपा को फायदा पहुंचा रहे हैं। कूचबिहार जिले के दिनहाटा में संबोधित करते हुए दीदी ने कहा कि एक शख्स हैदराबाद से बंगाल में चुनाव लड़ने आए हैं। ममता ने कहा कि उन्होंने (ओवैसी) भाजपा से पैसे लिए हैं ।
वह भाजपा को मदद पहुंचाने के लिए अपनी पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार यहां उतारे हैं। किसी भी सूरत में उन्हें (ओवैसी) बंगाल में पैर जमाने की इजाजत नहीं देनी है। दीदी के इस बयान पर ओवैसी ने पलटवार किया है। एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि 30 अप्रैल 2002 को जब गुजरात जल रहा था। तब दीदी भाजपा के साथ थीं। क्या दीदी ने गुजरात के पीड़ितों को मुफ्त में या एक मंत्री पद के लिए बेच दिया?
ओवैसी ने कहा कि आपराधिक गिरोह केवल स्वयं के बीच के क्षेत्रों को बांटने का काम करते हैं और किसी के प्रवेश करने पर एक दूसरे पर हमला करते हैं। हालांकि, मैं इस आपराधिक सिंडिकेट का हिस्सा नहीं हूं, इसलिए यह स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी परेशान हैं। ओवैसी ने आगे कहा कि आप (ममता) ऐसे लोगों को नहीं खरीद सकते जिनके पास कोई गोत्र नहीं है। आप उन लोगों को नहीं डरा सकते, जिन्हें कोई डर नहीं होता।
एआईएमआईएम के प्रमुख ने आगे कहा कि ‘बीजेपी आएगा’ कहने के अलावा, आपने बंगाल के मुसलमानों के लिए क्या किया है? बंगाल के 15 फीसदी मुसलमान औपचारिक शिक्षा से बाहर हैं। 80 फीसदी लोग 5000 से भी कम पर गुजर बसर करते हैं। ग्रामीण बंगाल में 38.3 फीसदी लोगों की आमदनी 2500 रुपये है। कमाते हैं। वहीं, तीन चौथाई से ज्यादा मुस्लिमों के पास जमीन नहीं है। मुस्लिम केवल ममता बनर्जी की जीत नहीं चाहते बल्कि वे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और राजनीतिक सशक्तिकरण भी चाहते हैं। जब वह 2003 में आरएसएस-भाजपा के साथ जुड़ी थीं, तब भी हम इसका विरोध कर रहे थे। वह तब से मंत्री, सीएम आदि बन गई, लेकिन हमें क्या मिला?