भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) के जन्म लेने में अब कुछ ही घंटे शेष बचा है। श्रीकृष्ण का अवतार द्वापर युग (Dwapar Yuga) में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha of Bhadrapada month) की अष्टमी तिथि (Ashtami Tithi) में हुआ था। उस समय चंद्र उच्च राशि वृषभ में था।
लखनऊ। भगवान श्रीकृष्ण (Lord Shri Krishna) के जन्म लेने में अब कुछ ही घंटे शेष बचा है। श्रीकृष्ण का अवतार द्वापर युग (Dwapar Yuga) में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha of Bhadrapada month) की अष्टमी तिथि (Ashtami Tithi) में हुआ था। उस समय चंद्र उच्च राशि वृषभ में था। उस दिन रोहिणी नक्षत्र (Rohini Nakshatra) था। यह संयोग ही है इस बार भी ग्रह-नक्षत्रों के अनूठे योग से श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग के समय बने दुर्लभ संयोगों (Rare Coincidences) में होगा। जन्माष्टमी (Janmashtami) के दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा-अर्चना मध्य रात्रि में की जाती है।
श्रीकृष्ण के 13 चमत्कारी मंत्र
कृं कृष्णाय नमः… यह श्रीकृष्ण का बताया मूलमंत्र है जिसके प्रयोग से व्यक्ति का अटका हुआ धन प्राप्त होता है। इसके अलावा इस मूलमंत्र का जाप करने से घर-परिवार में सुख की वर्षा होती है। यदि आप इस मंत्र का लाभ पाना चाहते हैं तो प्रातःकाल नित्यक्रिया और स्नानादि के पश्चात एक सौ आठ बार इसका जाप करें। ऐसा करने वाले मनुष्य सभी बाधाओं एवं कष्टों से सदैव मुक्त रहते हैं। इस मंत्र से कहीं भी अटका धन तुरंत प्राप्त होता है।
ऊं श्रीं नमः श्रीकृष्णाय परिपूर्णतमाय स्वाहा… यह मंत्र श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है। इस महामंत्र का पांच लाख जाप करने से ही सिद्धी प्राप्त होती है। जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है उसे करोड़पति होने से कोई नहीं रोक सकता।
गोवल्लभाय स्वाहा… इस सात अक्षरों वाले मंत्र से अपार धन प्राप्ति होती है। उठते-बैठते, चलते-फिरते… हर समय इस मंत्र का उच्चारण सही रूप से करने से लाभ होता है।
गोकुल नाथाय नमः… इस आठ अक्षरों वाले श्रीकृष्णमंत्र से सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं।
क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः… आर्थिक स्थिति को सुधारने वाले इस मंत्र का प्रयोग जो भी साधक करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
ओउम् नमो भगवते श्रीगोविन्दाय…यह ऐसा मंत्र है जो विवाह से जुड़ा है। जो जातक प्रेम विवाह करना चाहते हैं लेकिन किन्हीं कारणों से हो नहीं रहा तो वे प्रातः काल में स्नान के बाद ध्यानपूर्वक इस मंत्र का 108 बार जाप करें। कुछ ही दिनों में उन्हें चमत्कारी फल प्राप्त होगा।
ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा र्ह्सो… यह मंत्र उच्चारण में थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन इसका प्रभाव उतना ही तेज है। यह मंत्र वाणी का वरदान देता है।
ओउम् श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री… यह 23 अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है जो जीवन में किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने में सहायक सिद्ध होता है। धन की बाधा नहीं होती।
ओउम् नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा…यह श्रीकृष्ण का 28 अक्षरों वाला मंत्र है, जिसका जाप करने से मनोवांछित फल प्राप्ति होते हैं। जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभीष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं।
लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा… श्रीकृष्ण के इस मंत्र में उन्तीस (29) अक्षर हैं, जिसका जो भी साधक एक लाख जप के साथ घी, शक्कर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर हवन भी करे तो उसे स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है।
नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा… श्रीकृष्ण द्वारा दिया गया यह मंत्र 32 अक्षरों वाला है। इस मंत्र के जाप से समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यदि आप किसी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सुबह स्नान के बाद कम से कम एक लाख बार इस मंत्र का जाप करें। आपको जल्द ही सुधार देखने को मिलेगा।
ओउम् कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे. रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मेंः… 33 अक्षरों वाले इस मंत्र में ऐसी चमत्कारी शक्तियां हैं जिस पर आप विश्वास नहीं कर पाएंगे। इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं। यह मंत्र गोपनीय माना गया है इसे करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए।
कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान् इति कृष्णः। ओम् वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव से।। श्रीकृष्ण के इस मंत्र में तैंतीस (33) अक्षर हैं, जिसके नियमित जाप से धन से संबंधित किसी भी प्रकार का संकट टल जाता है।