माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। इस हत्याकांड के बाद एक बात साफ है कि तीनों आरोपियों की दोस्ती ज्यादा पुरानी नहीं है और जिस तरह से उन्होंने घटना को अंजाम दिया है उससे साफ है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है।
Atiq-Ashraf Murder Case: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों को प्रतापगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। इस हत्याकांड के बाद एक बात साफ है कि तीनों आरोपियों की दोस्ती ज्यादा पुरानी नहीं है और जिस तरह से उन्होंने घटना को अंजाम दिया है उससे साफ है कि इसके पीछे कोई बड़ी साजिश है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर वो कौन लोग हैं जो अतीक-अशरफ की हत्या की साजिश रचे हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर अतीक पत्नी शाइस्ता की एक चिट्ठी भी वायरल हो रही है, जिसमें उसने एक स्थानीय नेता और दो पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, इस चिट्ठी के बारे में कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पा रही है।
तीनों अलग अलग जगह के फिर कैसे हुई मुलाकात?
बता दें कि, तीनों हत्यारोपी अरूण मौर्या, सनी और लवलेश तिवारी अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। तीनों की मुलाकात कैसे हुई और वो कैसे प्रयागराज पहुंचे। पुलिस अब इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही ये पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इनको प्रयागराज में कौन संरक्षण देता था। माना जा रहा है कि इन तीन लोगों के पीछे जरूर कोई मास्टरमाइंड है, जिसने इन लोगों को हथियार मुहैया कराए और अतीक की हत्या का मकसद दिया।
तुर्की में बनी जिगाना पिस्तौल कहां से आई?
अरुण, लवलेश और सनी तीनों के पास तुर्की में बनी जिगाना पिस्तौल कहां से आई? यह सवाल भी किसी मास्टरमाइंड की ओर इशारा करता है। जिगाना पिस्तौल की कीमत करीब 6 लाख रुपये है और भारत में इस पर पाबंदी है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग के पास यह पिस्तौल कई बार पाई गई है। यहां तक कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी इसी पिस्तौल का इस्तेमाल हुआ था।