शूटरों की सटीक टाइमिंग से मौके पर पहुंचना, उनसे मोबाइल या रुपये बरामद न होना, तीनों का अलग-अलग जनपदों का होना, प्रयागराज से कोई पुराना कनेक्शन न होना, जैसी तमाम बातें थीं जो कुछ और ही इशारा कर रही थीं।
Atiq-Ashraf Murder: माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। अतीक—अशरफ की हत्या करने वाले तीनों आरोपियों अरुण, सनी और लवलेश तिवारी से पूछताछ जारी है। हालांकि, अभी ये सामने नहीं आ सका है कि इन्होंने वारदात को क्यों अंजाम दिया। अब इस बात की चर्चा हो रही है कि इन दिनों आरोपियों के अलावा भी इनके साथ कई लोग शमिल थे, जो घटनास्थल के आसपास तक मौजूद थे।
दरअसल, शूटरों की सटीक टाइमिंग से मौके पर पहुंचना, उनसे मोबाइल या रुपये बरामद न होना, तीनों का अलग-अलग जनपदों का होना, प्रयागराज से कोई पुराना कनेक्शन न होना, जैसी तमाम बातें थीं जो कुछ और ही इशारा कर रही थीं। बताया जा रहा है कि, अतीक—अशरफ की हत्या के पीछे हैंडलर की तरफ से लगातार इशारा किया जा रहा था। हैंडर की तरफ से कमांड मिलते ही हत्यारोपियों ने अतीक—अशरफ को गोलियों से ढेर कर दिया था।
इन सवालों के जवाब तलाश रही एसआईटी
एसआईटी की टीम लगातार तीनों हत्यारोपियों से उन सवालों के जवाब तलाश रही है जो पहेली बना हुआ है। दरअसल, अभी तक शूटरों के पास से मोबाइल फोन नहीं मिला है। इसके साथ ही उनसे पता लगाया जा रहा है कि आखिर उन्होंने अतीक—अशरफ की हत्या क्यों की। आखिरी इनके पीछे कोई और तो नहीं है? अगर दोनों के पीछे कोई है तो वो कौन है?
तो अस्पताल के बाहर से हैंडलर दे रहे थे कमांड
इन्हीं सवालों के जवाब ढूंढ़ने के दौरान यह बात सामने आई कि घटनास्थल पर शूटरों के दो मददगार भी मौजूद थे। हालांकि, यह लोग कॉल्विन अस्पताल के भीतर नहीं गए थे बल्कि, बाहर ही रहकर शूटरों को लोकेशन दे रहे थे। यह बात भी सामने आई कि इन दोनों में से एक स्थानीय था जिसे शहर के चप्पे-चप्पे की जानकारी थी। उसने ही शूटरों के ठहरने, खाने से लेकर अन्य इंतजाम किया था। फिलहाल इन दाेनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।